Last Updated: Wednesday, October 16, 2013, 11:20

वाशिंगटन : कांग्रेस 17 अक्टूबर की अंतिम समय सीमा से पहले देश की ऋण सीमा बढाने के संबंध में गतिरोध समाप्त करने में असफल रही है तथा ऐसे में अमेरिका वित्तीय संकट की ओर बढता प्रतीत हो रहा है और अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक असर पड़ेगा।
अड़ियल रूख अपनाया रिपब्लिकन नेतृत्व और प्रतिबद्ध अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच अंतिम समय पर समझौते की कोशिश नाकाम रही है। ओबामा ने गतिरोध खत्म करने के लिए रिपब्लिकन के प्रस्ताव को खारिज करते हुए इसे कथित तौर पर ‘फिरौती’ करार दिया है। व्हाइट हाउस के सचिव जे कार्नी ने कहा कि देश ऐसी स्थिति में फंस गया है जैसा पहले कभी नहीं हुआ।
कार्नी ने उम्मीद जतायी कि वे भुगतान में देरी से पहले मामले को सुलझा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह समय सीमा पार करने के बाद देश ऐसी स्थिति में पहुंच जाएगा जिसका उसने पहले कभी सामना नहीं किया। उन्होंने कहा कि इससे वैश्विक स्तर पर यह संकेत जाएगा कि अमेरिका में इस सिद्धांत के प्रति ईमानदारी को लेकर अनिश्चितता है कि देश समय पर अपने बिलों का भुगतान करते हैं।
कार्नी ने कहा, इसलिए यह समय सीमा कभी पार नहीं की गई और इसी लिए डेमोक्रेटिक या रिपब्लिक हर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हम अंतिम समय सीमा को पार न करें। उन्होंने कहा कि इसलिए जो व्यवसायी और सीईओ इस बात को समझते हैं कि इसका उनके काम पर और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ सकता है, उन्होंने कांग्रेस से कहा है कि वह रिण चूक (डिफाल्ट) की संभावना के साथ छेड़छाड़ करना भी छोड़ दे। कार्नी ने कहा कि अमेरिका विश्व में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और उसके दायित्व उसकी आय से अधिक हैं।
प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक नेता नैंसी पेलोसी ने व्हाइट हाउस में ओबामा की डेमोक्रेटिक सांसदों के समूह के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं कहा, हम अब भी इस बात को लेकर आशावान हैं कि रिण सीमा को समय पर बढाया जा सकता है। हम अब तक किए गए कार्य से खुश हैं। हाउस डेमोक्रेटिक व्हिप स्टेनी होयर ने कहा, अब हमारे पास यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ ही घंटे बचे हैं कि हमारा देश ऋण चुकाने में समर्थ हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 16, 2013, 11:20