Last Updated: Friday, March 28, 2014, 14:42

कोलंबो : श्रीलंका ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों पर ‘अविश्वसनीय’ अमेरिकी दबाव के कारण यूएनएचआरसी सत्र में मतदान के बाद कोलंबो के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया।
श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पेइरिस ने कहा, ‘दबाव की मात्रा अविश्वसनीय थी। देशों को बताया गया था कि प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों के राष्ट्राध्यक्ष आधिकारिक यात्राएं करेंगे। यदि वे अमेरिका का समर्थन नहीं करेंगे तो ये यात्राएं खतरे में पड़ जाएंगी।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका उन रक्षा समझौतों का इस्तेमाल कर रहा है जिस पर अन्य देशों से हमले के खतरे से रक्षा के लिए सदस्य देशों ने हस्ताक्षर किए हैं।
पेइरिस ने कहा, ‘ (अमेरिका और उनके बीच) वित्तीय प्रबंध किए गए थे। उनके यह तक पूछा गया कि वे मित्र हैं या नहीं?’ श्रीलंका के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के मुद्दे पर लाए गए अमेरिका समर्थित प्रस्ताव को 12 के मुकाबले 23 मतों से पारित किया गया जबकि भारत समेत 12 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
उन्होंने कहा, ‘भारत ने 2012 और 2013 में अमेरिका के समर्थन में मतदान किया था। वे इस बार इससे अलग रहे। यह एक बहुत महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।’ पेइरिस ने कहा कि उन्होंने स्पष्ट विभाजन देखा जो श्रीलंका के समर्थन है। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 28, 2014, 14:42