Last Updated: Saturday, December 14, 2013, 20:29
नई दिल्ली : अपने रूख पर कायम रहते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने आज कहा कि उनका देश तब तक अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा समझौता नहीं करेगा जब तक वह हवाई हमले नहीं रोकता तथा तालिबान के साथ अटकी पड़ी शांति प्रक्रिया शुरू करने में मदद नहीं करता।
अमेरिका से अपनी स्थिति पर फिर से विचार करने को कहते हुए करजई ने कहा कि भारत इस बात को समझता है कि अफगानिस्तान उस समझौते पर दस्तखत करने को लेकर बहुत सतर्क क्यों है जिससे अगले साल नाटो बलों की वापसी के बाद अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी का खाका तैयार होगा। गौरतलब है कि करजई ने अपने 13वें भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कई मुद्दों पर बातचीत की है।
करजई ने संवाददाताओं से कहा, हम मानते हैं कि सुरक्षा समझौता अफगानिस्तान के हित में है। अफगान लोगों ने अपनी मंजूरी दी है। पर हम यह भी मानते हैं कि अफगानिस्तान में घरों की सुरक्षा और शांति प्रक्रिया की शुरूआत निश्चित तौर पर पूर्व शर्तें हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान तब तक अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा समझौता नहीं करेगा जब तक वह हवाई हमले और घरों पर छापे नहीं रोकता तथा तालिबान के साथ अटकी पड़ी शांति प्रक्रिया शुरू करने में मदद नहीं करता। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 14, 2013, 20:29