Last Updated: Tuesday, December 3, 2013, 11:35

वाशिंगटन : थाईलैंड में जारी राजनैतिक तनाव पर अमेरिका ने गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इस दक्षिण पूर्वी एशियाई देश की स्थिति पर वह नजर रखे हुए है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने संवाददाताओं को बताया, हम बैंकॉक में राजनैतिक कारणों से हो रही हिंसा के कारण मानवीय क्षति को लेकर बेहद चिंतित हैं। हम इस तरह की हिंसा की निंदा करते हैं जिसका राजनैतिक उपलब्धियों को हासिल करने करने के लिए उपयोग किया जाता है। हम यह सभी पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे कानून का सम्मान करें।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, थाईलैंड में जारी राजनैतिक तनाव को लेकर हम चिंतित हैं और स्थितियों पर नजर रखे हुए हैं। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूरी है। राजनैतिक मतभेदों के हल के लिए हिंसा और सार्वजनिक या निजी संपत्तियों को जब्त करना कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह दृढ़ विश्वास है कि सभी दल लोकतंत्र और कानून के शासन को मजबूती प्रदान करने के लिए अपने मतभेदों को शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए दूर करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि थाईलैंड में अमेरिका के राजदूत ने थाई प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेताओं से बात की और तनाव दूर करने, संयम बरतते हुए शांतिपूर्ण बातचीत को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता ने कहा, हम सभी दलों को एकजुट होकर मतभेद दूर करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। हां, हमें उनके बयानों की जानकारी है लेकिन मुझे नहीं लगता कि जमीनी स्तर पर उन्हें संयम बरतने के लिए प्रोत्साहित करने के अलावा हम इसे और अधिक तवज्जो देंगे। इस बीच बैंकाक से मिली खबर में कहा गया है कि थाईलैंड में एक तेजतर्रार विपक्षी नेता ने देश की सरकार को तख्तापलट करने के अभियान को तेज करने का संकल्प जाहिर किया है। उन्होंने पूरे दिन महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस और सुरक्षा बलों से मुकाबला कर रहे अपने समर्थकों को आदेश दिया है कि वे बैंकॉक पुलिस मुख्यालय पर धावा बोल दें।
इससे पहले प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा ने कहा कि वे हिंसक प्रदर्शन को खत्म करने के लिए कोई भी कदम उठाने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि वे विपक्ष की मांग पर गैरनिर्वाचित परिषद को सत्ता सौंपने के लिए तैयार नहीं हो सकतीं। वर्ष 2011 में यिंगलक भारी बहुमत से निर्वाचित हुई थीं और कई पर्यवेक्षकों का मानना है कि प्रदर्शनकारियों की मांग अनुचित है। टेलीविजन पर 12 मिनट तक संवाददाताओं के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, इस वक्त हमें संविधान के तहत समस्या के हल का रास्ता नहीं दिख रहा है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 3, 2013, 11:33