Last Updated: Wednesday, February 12, 2014, 12:45

वाशिंगटन : अमेरिका ने प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी राजदूत नैंसी पावेल की मुलाकात के अपने फैसले की हिमायत करते हुए दलील दिया कि यह भारतीय नेताओं के साथ बेहतर संपर्क स्थापित करने की उसकी कोशिशों का एक हिस्सा है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक दिन पहले पुष्टि की थी कि इस हफ्ते के अंत में नैंसी गांधीनगर में मोदी से मुलाकात करेंगी। कल विभाग की प्रवक्ता ने कहा कि इस फैसले की प्रक्रिया में सभी संबंधित लोग शामिल थे। गौरतलब है कि अमेरिका पिछले नौ साल से मोदी के साथ कोई संपर्क नहीं रख रहा था।
बहरहाल, अधिकारी ने यह पुष्टि नहीं की कि क्या इस फैसले में अमेरिकी विदेश मंत्री जान केरी या अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शामिल थे। विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, ‘इन फैसलों में हमेशा उच्च स्तर के लोग शामिल नहीं होते। लेकिन निश्चित रूप से इससे जुड़े सभी महत्वपूर्ण लोग इसमें शामिल हैं। और सब इस पर सहमत हुए कि कोई उपयुक्त बैठक होनी चाहिए।’
नैंसी इस हफ्ते मोदी से मिलने गांधीनगर जाएंगी। गुजरात दंगों के बाद से मोदी के साथ किसी बड़े अमेरिकी राजनयिक की यह पहली मुलाकात होगी। पिछले कुछ साल के दौरान, अमेरिका के कई यूरोपीय सहयोगियों ने मोदी से मुलाकात की है। जेन ने कहा, ‘हम अकसर वरिष्ठ राजनेताओं और व्यापार जगत के नेताओं के साथ संपर्क करते हैं। हमने अलग अलग पैमाने पर, अगर कई साल पहले नहीं तो, महीनों पहले ऐसा करना शुरू किया ताकि अमेरिका-भारत के संबंधों को बढ़ावा देना जारी रहे। हमारी नीति में इस लिहाज से कोई बदलाव नहीं आया है। यह इसी तरह के संपर्क से जुड़ा एक प्रयास है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से आगामी बैठक (मोदी के साथ) की पुष्टि कर सकती हूं।’ जेन ने कहा, हम भारत समेत बहुत, बहुत देशों की विभिन्न पृष्ठभूमि के अधिकारियों के साथ मुलाकात करते हैं और यह बस उसकी एक मिसाल है।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका किसी देश में चुनाव में कोई रूख नहीं लेता। मोदी के साथ नैंसी की मुलाकात चुनाव में अमेरिका के रूख लेने का कोई उदाहरण नहीं है।
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। यह इसी तरह के संपर्क से जुड़ा एक प्रयास है। हम भारत और दुनिया भर के ढेर सारे देशों के विभिन्न पृष्ठभूमि वाले अधिकारियों के साथ व्यापक पहुंच बनाते हैं। और यह बस उसकी एक मिसाल है।’ उन्होंने जोर दिया कि अमेरिका किसी देश में चुनाव में कोई रूख नहीं लेता। उन्होंने कहा कि मोदी के साथ नैंसी की मुलाकात चुनाव में अमेरिका का कोई रूख अपनाने का कोई उदाहरण नहीं है।
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, ‘हम कोई रूख नहीं लेते। सो, यह उसकी कोई अभिव्यक्ति नहीं होगी। जैसा हम कई बार कह चुके हैं, यह विभिन्न पृष्ठभूमि वाले, विभिन्न राजनीतिक जुड़ाव वाले अधिकारियों की एक श्रंखला तक हमारी पहुंच का प्रतिबिंब है जो हम दुनिया भर के देशों में करते हैं।’ जेन ने कहा कि अमेरिका की वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।
उन्होंने कहा, ‘जब कोई व्यक्ति किसी :अमेरिकी: वीजा के लिए आवेदन करता है, उनके आवेदनों की समीक्षा अमेरिकी कानून और नीति के अनुरूप की जाती है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 12, 2014, 09:53