Last Updated: Sunday, June 1, 2014, 18:53

वाशिंगटन : दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में हाल में हुई चुनावी कवायद पर वहां के लोगों को बधाई देने के लिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया गया है।
इस सप्ताह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पेश प्रस्ताव नंबर-607 में कहा गया है कि यह रक्षा, कारोबार और सुरक्षा क्षेत्र सहित भारत के साथ अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाएगा।
प्रस्ताव की घोषणा करते हुए कांग्रेसी सांसद एरोन शॉक ने कहा, ‘भारत हमेशा से अमेरिका का एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक सहयोगी रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की अधिकतम प्रशासन और न्यूनतम सरकार के प्रति प्रतिबद्धता अमेरिका के साथ और अधिक टिकाउ राजनयिक संबंध, वस्तुओं व सेवाओं में आपसी फायदेमंद कारोबार तथा सांस्कृतिक सहयोग का वादा करती है।’
सेंथिया लुमिस, केथी एम रोडजर्स, तुलसी गेबार्ड, पेट सेसंश, ब्रेड शरमन, जार्ज होल्डिंग, पेट्रिक मर्फी, एड रायस, एलिअट एंजल, अमी बेरा, जो क्राउले और पीटर रोस्कम सहित 12 वरिष्ठ सांसदों ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
शॉक ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के साथ पिछले साल के अपने दौरे में मैंने आर्थिक संभावनाओं को देखा और पाया कि भारत के प्रति उनका दृष्टिकोण इलिनोइस कारोबारी समुदाय के लिए मददगार हो सकता है। नरेंद्र मोदी का उदय किसी भी जगह आजादी पसंद लोगों के लिए स्वागत योग्य घटनाक्रम है। भारत का ऐतिहासिक चुनाव लोकतंत्र, विकास समर्थक आर्थिक नीतियों और मजबूत अंतरराष्ट्रीय कारोबार की विशेषताओं को रेखांकित करता है।’
प्रस्ताव कहता है कि अमेरिका-भारत संबंध की जड़ों में लोकतंत्र, जातीय और धार्मिक विविधता का सम्मान और विधि नियम तथा लोगों के बीच परस्पर मजबूत होते संबंधों के समान मूल्य हैं। प्रस्ताव के अनुसार नयी सरकार का सुशासन, कानून का शासन और अमेरिका जैसे रणनीतिक भागीदारों के साथ मजबूत भागीदारी को लेकर प्रतिबद्धता भारत तथा अमेरिका-भारत साझेदारी के लिए फायदेमंद होगी।
क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता बहाल करने में भारत की अहम भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारतीय विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 5 अरब डॉलर को पार कर गया है और यहां हजारों नौकरियों का सृजन हुआ है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 1, 2014, 18:53