Last Updated: Saturday, March 29, 2014, 22:37
वाशिंगटन : रूस को अलग-थलग करने के कूटनीतिक प्रयासों के तहत अमेरिका अन्य देशों के साथ ही भारत और चीन से बात कर रहा है लेकिन उसने अभी तक इन देशों से कोई प्रतिबंध लगाने के लिए नहीं कहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता मैरी हार्फ ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम कूटनीतिक तौर पर अन्य देशों से बात कर रहे हैं, यद्यपि यदि आपको याद हो सुरक्षा परिषद में गत सप्ताह मतदान हुआ था। यह महत्वपूर्ण रहा कि चीन ने, उदाहरण के लिए मतदान में हिस्सा नहीं लिया और रूस के पक्ष में मतदान नहीं किया।’
यह पूछे जाने पर कि अमेरिका नाटो से बाहर के देशों से ईरान से तेल लेने जैसा प्रतिबंध लगाने के लिए कहेगा। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं मानती कि हम वहां तक पहुंचे हैं। निश्चित तौर पर, हम प्रतिबंध के बारे में यूरोपीय देशों से नजदीकी तौर पर मशविरा कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘कल महासभा में सीरिया और सूडान जैसे मात्र 10 अन्य देशों ने रूस के पक्ष में मतदान किया। इसलिए रूस को अलग थलग करने के लिए कूटनीतिक तौर पर काम कर रहे हैं, इसका मतलब है चीन और भारत जैसे तथा अन्य के साथ। लेकिन जहां तक तेल का सवाल है, हमने अभी इस बारे में नहीं सोचा है।’ उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका पर मतदान में भारत के हिस्सा नहीं लेने पर अमेरिका की ओर से निराशा जतायी। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 29, 2014, 22:37