Last Updated: Sunday, December 15, 2013, 10:34
ढाका : बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी के एक शीर्ष नेता को फांसी दिए जाने के बाद भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़ कर 21 हो गई जिसके प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कड़े शब्दों में कहा, ‘‘हम जानते हैं कि आपको कैसे काबू करना है।’’
वर्ष 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान अत्याचार करने की वजह से ‘‘मीरपुर का कसाई’’ कहलाने वाले अब्दुल कादर मुल्ला को उच्चतम न्यायालय द्वारा उसकी पुनरीक्षा याचिका खारिज किए जाने के बाद बृहस्पतिवार की रात फांसी दे दी गई। अब्दुल कादर मुल्ला युद्ध अपराधों के लिए फांसी की सजा पाने वाला पहला राजनीतिज्ञ है।
वर्ष 1971 में हुए युद्ध के शहीदों की याद में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए हसीना ने कल अपनी कट्टर विरोधी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख खालिदा जिया पर आरोप लगाया कि वे मानवता के खिलाफ अपराध करने वालों को बचाने के लिए जमात का समर्थन कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने बहुत धर्य दिखाया लेकिन अब हम और बर्दाश्त नहीं करेंगे। देश के लोग जानते हैं कि कैसे इन अत्याचारों का जवाब कैसे देना है, हम (सरकार) भी यह जानते हैं कि इन्हें कैसे जवाब देना है और कैसे काबू में करना है।’’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 15, 2013, 10:34