Last Updated: Friday, October 18, 2013, 16:13

वाशिंगटन : तमिलनाडु के तट के नजदीक कब्जे में लिये गए जहाज के मालिकाना हक वाली अमेरिकी कंपनी एडवनफोर्ट के एक शीर्ष अधिकारी ने दावा किया कि जहाज पर हथियार और कारतूस लाइसेंस प्राप्त हैं और जलदस्यु विरोधी अभियान के लिए उसे रखा गया।
वाशिंगटन डीसी स्थित एडवन फोर्ट के अध्यक्ष विलियम एच वाटसन ने कहा, ‘‘जहाज पर रखे गये हथियार पूरी तरह से वैध है। सारे पंजीकृत हैं। वैध तरीके से उनकी खरीदारी हुयी। यह हथियार अत्यंत जोखिम वाले क्षेत्रों में जहाजों की रक्षा को लेकर अपने इस्तेमाल के लिए रखे गये हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे हथियार का केवल एक ही मकसद है कि उनका जलदस्यु विरोधी अभियान में इस्तेमाल करना।’’
वाशिंगटन स्थित एडवन फोर्ट इंटरनेशनल के पास, जहाज ‘सीमैन गार्ड ओहियो’ का मालिकाना हक है जिसे बिना मंजूरी के हथियार तथा कारतूस के लदे होने के आरोप में तमिलनाडु तट के नजदीक कब्जे में लिया गया।
एडवन फोर्ट के अध्यक्ष ने कहा कि जहाज, अत्यंत जोखिम वाले क्षेत्रों में अपने ग्राहक वाणिज्यिक जहाजों को जलदस्यु विरोधी सुरक्षा मुहैया कराता है।
वाटसन ने कहा, ‘‘वास्तव में मेरे लिए यहां विडंबना है कि वहां कई ऐसे जहाज है जहां रक्षा करने वाले मेरे गार्ड भारतीय हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास उचित परमिट और लाइसेंस है, जहां से उसकी (हथियार और कारतूस) खरीदारी हुयी। देशों के लिए इस्तेमाल का प्रमाणपत्र भी है जिसके लिए अपने जहाज पर रखा गया।’’
वाटसन ने कहा कि उनका मानना है कि जहाज के खिलाफ प्रारंभिक जांच जहाज के लिए कथित तौर पर अवैध तरीके से गैसोलीन की खरीदारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रारंभिक छानबीन है। निस्संदेह, भारत सरकार आग्नेयास्त्रों पर कठोर है। चूंकि हमारे जहाज पर आग्नेयास्त्र है इसलिए वे हमारे रिकार्ड को देख रहे हैं और हम इस जांच का स्वागत करते हैं। हमारे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है।’’
वाटसन ने कहा कि जहाज का भारतीय जल क्षेत्र में प्रवेश करने का कोई इरादा नहीं था और यह 12 मील की दूरी पर था। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 18, 2013, 16:13