भारतीय राजनयिक देवयानी के खिलाफ आरोप वापस लेने के लिए ऑनलाइन व्हाइट हाउस याचिका

भारतीय राजनयिक देवयानी के खिलाफ आरोप वापस लेने के लिए ऑनलाइन व्हाइट हाउस याचिका

भारतीय राजनयिक देवयानी के खिलाफ आरोप वापस लेने के लिए ऑनलाइन व्हाइट हाउस याचिका वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकियों के एक समूह ने यहां एक ऑनलाइन व्हाइट हाउस याचिका शुरू की है जिसमें ओबामा प्रशासन से भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े से वीजा फर्जीवाड़े के आरोपों को वापस लेने की मांग की गई है । समूह ने कहा कि भारत की वरिष्ठ राजनयिक के साथ सार्वजनिक रूप से किए गए अमानवीय व्यवहार के कारण समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं ।

न्यूयॉर्क में 12 दिसंबर को हुई भारतीय उप वाणिज्य महादूत की गिरफ्तारी के तरीके पर विरोध जताते हुए ऑनलाइन याचिका में कहा गया है कि गिरफ्तारी के तरीके का आशय स्पष्ट नजर आता है ।

याचिका में कहा गया, ‘राजनयिक छूट के बावजूद डॉ. खोबरागड़े को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह अपनी बेटी के स्कूल से बाहर निकलीं, उन्हें हथकड़ी लगाई गई, कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई और हवालात में बंद किया गया ।’ इसमें कहा गया कि वह (देवयानी) अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए भारत सरकार के प्रतिनिधियों में से एक हैं ।

ऑनलाइन याचिका में कहा गया, ‘सार्वजनिक रूप से उनके अपमान से भारतीय-अमेरिकी समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं । इस तरह की घटनाएं भारत-अमेरिका संबंधों को क्षति पहुंचाती है । हम आग्रह करते हैं कि डॉ. खोबरागड़े को पहुंचे मानसिक आघात और सार्वजनिक अपमान के मद्देनजर उनके खिलाफ लगे आपराधिक आरोपों को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए ।’

इस बीच, कई विशेषज्ञों ने वीजा फर्जीवाड़े के आरोपों में 39 वर्षीय राजनयिक को गिरफ्तार करने के अमेरिका सरकार के फैसले पर सवाल उठाए । अमेरिकन यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ में प्रोफेसर स्टीफन व्लाडेक ने एनबीसी न्यूज के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘इस बारे में कोई सवाल नहीं है कि सरकार ने कानूनी तौर पर कार्रवाई की, लेकिन अपने अधिकार के तहत काम करने और विदेश संबंधों के मामले में काम करने में अंतर होता है ।’

अमेरिकी विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी एवं 1990 के दशक में नयी दिल्ली में तैनात रह चुके एम गॉर्डन जोन्स ने कहा, ‘न्यूयॉर्क में भारतीय उप महावाणिज्य दूत के साथ हुआ बर्ताव घृणास्पद है । यहां तक कि गैर मित्र देशों के साथ भी इस तरह की कार्रवाई घृणित होती है ।’

जोन्स ने वाशिंगटन पोस्ट में लिखा, ‘मुझे लगता है कि सुरक्षा को लेकर अमेरिका में जो उन्माद है उसकी वजह से देवयानी खोबरागड़े मामले में हुई ज्यादतियों जैसी चीजों को बर्दाश्त किया जाता है । लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए । इससे नयी दिल्ली में हमारे स्टाफ की सुरक्षा के लिए बुरा परिणाम निकला । यूएस मार्शल्स की जांच की जानी चाहिए और यदि उन पर लग रहे आरोप सही पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए ।’


अमेरिका में भारत की पूर्व राजदूत निरूपमा राव ने कहा कि देवयानी खोबरागड़े के साथ किया गया व्यवहार गलत, अनुचित और अत्यधिक आघात पहुंचाने वाला तथा निन्दनीय है । क्योंकि देवयानी खोबरागड़े मान्यताप्राप्त राजनयिक थीं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी के कदम के बारे में भारतीय दूतावास को सूचित किया जाना चाहिए था । (एजेंसी)



First Published: Monday, December 23, 2013, 11:49

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