Last Updated: Wednesday, May 7, 2014, 23:31
ढाका : बांग्लादेश ने चेतावनी दी है कि तीस्ता नदी का पानी साझा करने के मुद्दे पर यदि भारत की नई सरकार के साथ द्विपक्षीय वार्ता से कोई परिणाम नहीं निकलता है तो वह इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने के लिए बाध्य होगा।
बांग्लादेश के जल संसाधन मंत्री अनिसुल इस्लाम महमूद ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम अभी इंतजार कर रहे हैं क्योंकि भारत में चुनाव हो रहा है। हम तीस्ता के पानी के उचित हिस्से के लिए भारत की नई सरकार के साथ बातचीत करेंगे।’ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के इतर कहा, ‘मैं मानता हूं कि हम द्विपक्षीय वार्ता के जरिये तीस्ता का पानी साझा करने को लेकर एक संधि पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। यदि यह असफल होती है हम इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाएंगे। हम अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक अपना अधिकार प्राप्त करने के लिए जहां भी जरूरी होगा जाएंगे।’
सत्ताधारी अवामी लीग की महत्वपूर्ण सहयोगी जतिया पार्टी के नेता महमूद ने तीस्ता के बांग्लादेशी हिस्से में कम पानी या उसके सूखने के प्रतिकूल प्रभाव का भय जताया और कहा कि इससे सीमा पार के पड़ोसी क्षेत्र भी प्रभावित होंगे। महमूद के बयान पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाले मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा तीस्ता के पानी के उचित हिस्से की मांग को लेकर भारत से लगे पश्चिमोत्तर सीमांत क्षेत्रों के लिए एक मार्च करने के दो सप्ताह बाद आया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सितम्बर 2011 में ढाका यात्रा के दौरान बांग्लादेश और भारत के बीच समझौते पर हस्ताक्षर की लगभग तैयारी हो गई थी लेकिन कथित तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पानी के प्रस्तावित मात्रा पर आपत्ति जताया और कहा कि इससे उनके राज्य को नुकसान होगा।
उन्होंने इसके साथ ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ अपनी प्रस्तावित ढाका यात्रा रद्द कर दी। तीस्ता का पानी विशेष तौर पर दिसम्बर से मार्च तक की अवधि में बांग्लादेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जब पानी का प्रवाह प्रत्येक वर्ष पांच हजार क्यूसेक से एक हजार क्यूसेक से भी नीचे चला जाता है। जल विकास बोर्ड के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि बहरहाल इतिहास में पहली बार जनवरी से लेकर तीन महीने तक 500 क्यूसेक से कम पानी प्राप्त हुआ। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 7, 2014, 23:31