Last Updated: Saturday, October 12, 2013, 16:53
देवनाथ आसाराम बापू की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। देश भर से उनके खिलाफ आवाज उठ रही है, साथ ही उनके कथित काले कारनामों की शिकायतों का अम्बार लगना शुरू हो गया है। क्राइम रिपोर्टर ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि मेरठ में आसाराम के आश्रम से सतीश कालरा नाम के सख्स की हत्या के तार जुड़े हुए हैं। सतीश कालरा को शिल्पी की बहन का पति बताया जा रहा है।
आसाराम बापू की हमराज और उनकी खासमखास शिल्पी का भी इस मेरठ के आश्रम में हुए जमीन के कब्जे और कत्ल से गहरा कनेक्शन है, जिस सतीश कालरा नाम के शख्स का कत्ल हुआ है, वो कोई और नहीं शिल्पी की बहन का पति है।
आसाराम के इस आश्रम का एक और घोटाला भी है। आश्रम की जमीन हरिओम समिति के नाम से ली गई। वही हरिओम शब्द..जिसका आसाराम खूब नाम लेते हैं। आसाराम और शिल्पी के बीच गुरु शिष्या का रिश्ता है या फिर कुछ और इसे लेकर पूरी दुनिया में बहस हो रही है लेकिन एक और खुलासा आसाराम और शिल्पी पर गहराए शक को बढ़ा रहा है। शिल्पी के जीजा का मेरठ में मर्डर किया गया। खुलासा यह भी है कि झगड़े की वजह वो जमीन है, जिस पर बना है आसाराम का आश्रम। आसाराम और शिल्पी ये वो दो चेहरे हैं जिन्हें लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
मेरठ में खुलासा हुआ है कि शिल्पी के बहनोई का सितंबर 2012 में क़त्ल किया गया और कत्ल की वजह बताई जा रही है वो जमीन, जो आज आसाराम के आश्रम का हिस्सा है। सितंबर 2012 में आसाराम की सहयोगी शिल्पी के जीजा का कत्ल हुआ। मर्डर उसी जमीन पर हुआ जहां आसाराम बापू का आश्रम बना हुआ है। शिल्पी के जीजा सतीश कालरा के मर्डर के बाद शिल्पी की बहन ने उनकी 795 गज जमीन आश्रम के नाम पर कर दी लेकिन इसी के साथ आसापास के कब्जे वाली जमीन की एवज में आश्रम के सेवादार से 1 करोड़ रुपए की डील करने की भी बात आई है।
तफ्तीश बताती है कि शिल्पी के जीजा ने मिल्क प्लांट के आसपास की जमीन पर कब्जा कर रखा था, जो जमीन कुल मिलाकर करीब 3 हजार गज से भी ज्यादा थी। जब ज़ी मीडिया की टीम इस पूरे इलाके का सच जानने आश्रम में पहुंची तो पूरा इलाका खुफिया कैमरे में कैद हो गया। पूरी जमीन आश्रम के पास ही है और जब आसाराम के सेवादार से सवाल जवाब किए गए तो उसने बातों-बातों में एक नहीं कई राज उगल दिए जिसमें एक बड़ा झूठ भी था। अब आप जरा इस सच्चाई को भी जान लीजिए, आश्रम को जमीन ही 16 फरवरी 2013 को दी गई थी।
जाहिर है कि आश्रम के सेवादार झूठ बोल रहे हैं लेकिन उन्होंने एक सच्चाई भी उगल दी। आश्रम की ज़मीन पर हुए इस कत्ल की कहानी बेहद डरावनी है लेकिन जानकारों की मानें तो इस पूरी कहानी में आसाराम की खास शिल्पी का बड़ा हाथ है। उसने अपने जीजा की पूरी जमीन आश्रम को भी दिलवा दी और फिर उस ज़मीन के बदले में अपनी बहन रेणु को 70 लाख रुपए भी दिलवा दिए।
आसाराम बापू खुद हरिओम का जाप करते हैं और मेरठ में उनके आश्रम को लेकर हुए खुलासे इशारा कर रहे हैं कि रामनाम की आड़ में जमीनों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। ऐसे कई लोग हैं जिनकी जमीनों पर इस आश्रम में कब्जा किया गया। आरोप ये भी है कि शिल्पी की बहन ने दूसरे मकानों से कब्जा की हुई जमीन आश्रम के सेवादार को दी। मामला अदालत पहुंच चुका है जहां सेवादारों ने दावा किया है कि उन्होंने केस खत्म होने तक शिल्पी की बहन को दिए जाने वाली पूरी रकम में से 30 लाख रुपए रोक लिए हैं।
सवाल है कि आखिर आसाराम के सेवादार दूसरों के घरों पर कब्जा करने वाली जमीनों को क्यों खरीदते हैं। क्या यही है आसाराम के हरिओम जाप का राज। बगल में छुरी..मुंह में राम...वाह रे आसाराम!
हरिओम का जाप करने वाले आसाराम क्या चोरी भी करते हैं। अगर हां तो कितनी...कैसे..इसका खुलासा भी हुआ है। आसाराम के आश्रमों में बिजली चोरी भी की जा रही थी। आसाराम के हरिओम जाप के लिए बड़े-बड़े पंडाल और उनमें लगे पंखे, एसी और खूब सारी लाइटें। ये नजारा आपको हर कार्यक्रम में देखा होगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आसाराम के कार्यक्रमों में, उनके आश्रमों में बिजली भी चोरी की जाती है। ऐसा ही मामला सामने आया है यूपी के मेरठ में, जहां आश्रम की चारदीवारी को रौशन करने के लिए बिजली चोरी की जा रही थी। मेरठ के रुड़की रोड पर बने आसाराम के इस आश्रम में जब बिजली विभाग ने जांच की तो पाया गया कि बिजली की चोरी की जा रही थी।
मेरठ में तो आसाराम आश्रम में बिजली चोरी का मामला सामने आ चुका है। इससे पहले मध्य प्रदेश के विदिशा और छिंदवाड़ा में भी आश्रमों में बिजली चोरी के खुलासे हो चुके हैं। लेकिन अब सवाल ये है कि पिछले दस साल में जहां-तहां आसाराम बापू ने आश्रम बनाए हैं। बड़े-बड़े सत्संग कार्यक्रमों का आयोजन किया है, क्या वहां बिजली का बिल चुकाया गया या फिर हर जगह राम के नाम पर बिजली भी लूट ली गई।
आसाराम पर एक नहीं कई बच्चियों के यौन शोषण का आरोप लग चुका है और अब खुलासा हुआ है कि आसाराम के आश्रम में कभी कान्हा के रूप में, कभी झूले पर तो कभी गंभीर प्रवचक के रूप में आसाराम मंच पर अपने रूप बदलते रहते थे लेकिन अब गिरफ्तार होने के बाद एक-एक कर उनका हर रूप सामने आ रहा है।
आसाराम पर हुए खुलासे के बाद जहां यह बहस तेज हो गई है कि संतों के संपत्तियों की जांच होनी चाहिए, वहीं एक ऐसा नजीर भी पेश करना चाहिए जिससे कि किसी की धार्मिक भावनाओं की आड़ में उस आस्थावान व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी को रोका जा सके और व्यभिचारी साधुओं को कड़ा से कड़ा दंड मिले। पिछले कुछ दिनों से जो कुछ भी सामने आया है उससे आम आदमी यह समझ नहीं पा रहा है कि वह किस पर यकीं करे और किस पर नहीं करे।
क्राइम रिपोर्टर की टीम द्वारा मेरठ में आश्रम के शिल्पी कनेक्शन का पर्दा उठाने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या सतीश कालरा की हत्या का तार उस जमीन से जुड़ा है जो आशाराम को उपहार में मिली और उस शिल्पी से जुड़ी हुई है जो आशाराम से जुड़ी हुई है।
First Published: Saturday, October 12, 2013, 16:52