नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की जीत होगी: कलराज मिश्रा

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की जीत होगी: कलराज मिश्रा

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की जीत होगी: कलराज मिश्रालोकसभा चुनाव के मद्देनज़र सियासत के सबसे बड़े केंद्र उत्तरप्रदेश पर हर राजनैतिक पार्टी की नज़र है। 11 साल से यूपी की सत्ता से दूर बीजेपी अब उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र 80 में से 57 सीटों पर विजयश्री हासिल करने के लिए दिनरात एक कर रही है। मिशन दिल्ली वाया यूपी को समझकर बीजेपी ने अपने पीएम और पार्टी के सबसे लोकप्रिय चेहरे को यूपी में प्रोजेक्ट कर दिया है। कार्यकर्ताओं से लेकर वरिष्ठ नेताओं की फौज यूपी में `नमो` मंत्र के ज़रिए रामराज्य स्थापित करने की बात कह रही है। इसकी कवायद है राज्य में नरेंद्र मोदी की सियासी लॉचिंग। हमारी संवाददाता निहारिका माहेश्वरी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता से बीजेपी के चुनावी एजेंडे पर बात की। पेश है बातचीत के कुछ अंश।

निहारिका माहेश्वरी: 2009 में 10 सीटों को हासिल करने के बाद अब यूपी में प्रचंड जीत के लिए आपकी पार्टी क्या कर रही है?
कलराज मिश्र: यूपी में कुछ सालों से सत्ता क्षेत्रीय दलों के हाथों रही जिससे विकास कार्य अवरूद्ध हो गया है। सड़कों की हालत बदतर और गांव में बिजली की किल्लत है। सांप्रदायिक तनाव संघर्ष से लोग जूझ रहे हैं। थानों में गुंडे आ गए हैं और बलात्कार की घटनाएं चरम पर हैं। एक तरह से यूपी प्रशासनिक दिवालियापन का शिकार हो गया है। जनता इन हालातों में त्रस्त है। इसलिए विकल्प तलाश रही है जिसका अंत नरेंद्र मोदी के नाम पर होता है जो कि अब राष्ट्रीय नेता हैं। लोगों ने अनुभव करना शुरू कर दिया है। अब यूपी में बीजेपी ही विकल्प हो सकती है। मुझे विश्वास है कि बीजेपी पूरे यूपी में दोबारा छाएगी

निहारिका माहेश्वरी: पार्टी को यूपी में सशक्त करने के लिए आपकी भूमिका क्या होगी?
कलराज मिश्र: पार्टी सबल, सक्षम हो। सरकार में आने की दृष्टि से अधिकतम अवसर हमें उपलब्ध हो सके विकास करने के लिए इस दिशा में जितना काम हो सकता है मैं करूंगा। संगठन को मज़बूत करने की मेरी भूमिका होगी।

निहारिका माहेश्वरी: टिकट बंटवारे में इतनी देरी क्यों हो रही है और टिकट वितरण में किन बातों का आपकी पार्टी ध्यान रखेगी। कार्यकर्ताओं की नाराज़गी ऐसे महत्वपूर्ण समय शीर्ष नेतृत्व झेलता आया है?
कलराज मिश्र: हमारी शुद्ध रूप से प्रजातांत्रिक पार्टी है। हमारे संगठन का एक स्वरूप है जिसके अंतर्गत ज़िला से लेकर प्रदेश केंद्र है। इस स्तर पर हम उम्मीदवारों का चयन करते हैं। ज़िला स्तर पर विचार करने के बाद प्रदेश स्तर पर विचार करते हैं जिसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर लिस्ट को अंतिम रूप दिया जाता है। इस प्रक्रिया में थोड़ा विलंब होता है और जहां तक देरी का सवाल है तो विधानसभा चुनाव कई राज्यों में होने हैं इसलिए 8 दिसंबर के नतीजों के बाद ही हम उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करेंगे।

निहारिका माहेश्वरी: क्या यह बात सच है कि बीजेपी दलों को तोड़ रही है, कई दलों के नेता, सांसज, विधायक आपके संपर्क में हैं। इस कड़ी में डी पी यादव और बृजभूषण सिंह का नाम भी शामिल है?
कलराज मिश्रराज मिश्र- अभी ऐसा कुछ नहीं है, डी पी यादव , ब्रजभूषण चाहते होंगे हमारी पार्टी में शामिल होना लेकिन अभी कोई वार्ता नहीं हुई है। हमारी तरफ से यह प्रयत्न होगा कि दागी छवि वालों को ना लिया जाए
निहारिका माहेश्वरी- कितनी सीटों के लिए आपकी तैयारी है?
कलराज मिश्र: बीजेपी पहले यूपी में पूर्ण बहुमत और फिर गठबंधन के आधार पर अपनी सरकार बना चुकी है। अभी तक अधिकतम 57 सीटें हमारी रही हैं जिसको दोबारा जीतने का हम प्रयास करेंगे। मैं कह सकता हूं कि ऐसा कोई वर्ग , कोई समुदाय नहीं होगा जहां तक बीजेपी की पहुंच ना हो जो दृश्य दिखाई दे रहा है कि उसमें ज़बरदस्त धुव्रीकरण कहीं बीजेपी के पक्ष में ना हो जाएं।

निहारिका माहेश्वरी: यही बात आपने विधानसभा चुनाव 2012 के समय बोली थी हमारे चैनल से लेकिन नतीजा सिर्फ 47 सीट...।
कलराज मिश्र: जो कहा था उसपर अभी भी अडिग हूं। मैं मानता हूं कि हमारे केंद्रीय नेतृत्व की रणनीतिक विफलता के कारण हमारी यह दुर्दशा हुई थी। बाबू सिंह कुशवाहा को नहीं लिए जाने का मैने विरोध किया था उसके बावजूद पार्टी नहीं मानी और इसका दुष्परिणाम पार्टी को देखना पड़ा। आम आदमी के मन में उस समय पार्टी को लेकर गुस्सा आ गया था

निहारिका माहेश्वरी: मोदी ने अपनी पहली यूपी की चुनावी रैली में खुलकर हर मुद्दों का उत्तर दिया जिसको लेकर उन्हें घेरा जाता है। धर्मनिरपेक्षता से लेकर गुजरात मॉडल के यूपी में फ्लॉप होने तक वो बोले। उन्होंने इसपर भी ज़ोर दिया कि वोटबैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए। ऐसे में हर वर्ग बीजेपी के साथ कैसे आएगा..आपपर आरोप लगते हैं कि आप मुसलमानों को टिकट नहीं देते?
कलराज मिश्र: बीजेपी ने बहुत पहले से ही नारा दिया था ``न्याय सबके लिए तुष्टीकरण किसी के लिए नहीं`` कृमश: मुस्लिम हमारे साथ आने लगा है। जहां तक मुसलमानों को टिकट देने का सवाल है यह बात सही है कि जीतने की दृष्टि से हम विचार करते हैं जहां हमें इस प्रकार का उम्मीदवार मिल जाता है वहां ध्यान देते हैं। मुस्लिमों को भी टिकट देते हैं। हमें लेकिन उस प्रकार का अवसर नहीं मिल पाता जिससे हम उम्हें आगे बढ़ा सकें लेकिन जिस तरीके से मुस्लिम नौजवान, धर्मगुरू के अंदर मोदी को लेकर स्वीकार्यता बढ़ी है। सब समझ गए हैं कि वोटबैंक समझकर उनका शोषण किया जाता है। इसलिए शोषण ना हो इसलिए मुसलमान हमारे साथ जुड़ रहा है। स्वीकार्यता बढ़ी है इसलिए अंडरकरंट पैदा हुआ है। इसमें कोई संदेह नहीं कि बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ आएगी कोई थर्ड फ्रंट टिक नहीं पाएगा


निहारिका माहेश्वरी: आपकी पार्टी का राम जी ने बेड़ पार नहीं किया अब हनुमान (मोदी ) के सहारे युद्ध जीतेंगे?
कलराज मिश्र: भगवान राम हमारी आस्था का विषय हैं। उन्हें राजनीति में घसीटना ठीक नहीं। इसलिए भगवान राम के जन्मस्थान पर भव्य राम मंदिर निर्माण करना हमारी प्रतिबद्धता है। एनडीए सरकार जब थी सब मिलकर काम कर रहे थे। 5 वर्ष की कार्ययोजना बनती थी जिसके अंतर्गत लोग सहमत नहीं हो पाए। अब जब भी अवसर उपलब्ध होगा कानून बनाकर आम सहमति बनाकर न्यायालय के माध्यम से निश्चित रूप से भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। यहीं हमारा संकल्प हमारी सोच है लेकिन आम आदमी का सहयोग सहमति स्थापित करके।

निहारिका माहेश्वरी: भारतीय जनसंघ का वो दौर आपने देखा है, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं दीनदयाल उपाध्याय, गणेश शेकर विद्यार्थी जैसे बड़े नाम एकात्म मानववाद की बात करते थे। वो दौर था जब सोशल मीडिया टीवी नहीं थे फिर भी एक आवाज़ पर लाखों इकट्ठा होते थे। कह सकते हैं कि पहले सियासत का प्रारूप अलग था। नेता ज़मीनी हकीकत से जुड़े और वाकिफ थे लेकिन आज सियासत को शुद्धिकरण की दरकार है। कितना फर्क आप महसूस कर रहे हैं पुराने और नए राजनेताओं में जो राजनीति को सिर्फ आरोप प्रत्यरोप तक ही सीमित रखते हैं?
कलराज मिश्र: एकात्म मानववाद को ही केंद्र मानकर हम लगातार काम करते गए हैं। जनता इसको अनुभव करती थी चाहे जनसंघ रहा हो, चाहे बीजेपी रही हो, अटल-आडवाणी युग युग हो सबको सुनने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था। इन लोगों को देखकर लगता था कि यह भारत के स्वाभिमान के रूप में खड़े हैं। डॉ जोशी को देखकर लगता था कि भारतीय संस्कृति के प्रतीक के रूप में वो आ गए हैं। उसी आधार पर सभाएं होती थी स्वाभाविक रूप से लोगों का जुड़ना शुरू हो गया। धीरे धीरे राजनीति में डिटोरिएशन आ गाया है। जनता पार्टी की हुकूमत के बाद वो दौर वापस नहीं आया। बाद में अनेक प्रकार के लोग आए जो भ्रांतियों का शिकार होकर ही रह गए हैं। हमारे दल में कुछ लोग ऐसे ज़रूर आए जिनके आने से कठिनाई हुई लेकिन सामान्य तौर पर हमारे दल से लोगों का विश्वास नहीं हटा

निहारिका माहेश्वरी:आप 1996 जैसी ग़लती दोबारा तो नहीं करेंगे जब बीजेपी पॉलिटकली अनटचेबल हो गई थी। अगर विफल इस बार हुए तो बीजेपी इतिहास बनकर रह जाएगी?
कलराज मिश्र: जिस प्रकार का अनुभव मैं करता हूं। राजनैतिक दृष्टि से स्वंय का चिंतन है यथार्थ का दर्शन कर रहा हूं उसको देखकर कह सकता हूं कि आज़ादी के बाद नेहरू जी की स्वीकार्यता बढ़ी थी और उसके बाद नरेंद्र मोदी की स्वीकार्यता बढ़ी है जो हमें पीछे की जगह आगे ही ले जाएगा। यह पहली बार हुआ है कि गांव से लेकर शहर तक मोदी लाओं देश बचाओं की डिमांड है। 1996 की गलती से हमने सबक लिया है जिसको हम ध्यान में रखते हुए मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे। आज पूर्व ,पश्चिम, उत्तर दक्षिण में एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग,अल्पसंख्यक मोदी को चाहते हैं। इसको देखते हुए बाकि के दल भी अनुभव कर रहे हैं कि जो सत्ता में आने वाला है उसके साथ अपना सामंजस्य स्थापित किया जाए। जिन क्षेत्रीय दलों को लेकर अटल जी ने एनडीए बनाया था सत्ता में आने पर वो दल हमारे साथ दोबारा जुड़ेंगे


निहारिका माहेश्वरी:राजनीति में नौजवानों का बोलबाला है, पकंज सिंह, अमित जोगी, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान जैसे कई नाम आगे आएं हैं। आज की नौजवान पीढ़ी को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
कलराज मिश्र: नौजवानों में मैं संदेश दूंगा कि राजनीति में हम आएं हैं लेकिन मर्यादा अपने जीवन में स्थापित कर समाज कल्याण पर ध्यान देने की ज़रूरत है। ज़मीनी हकीकत से वाकिफ होना एक बड़ी चुनौती है जिसके लिए इनको प्रसत्न करना होगा। भारत का मूल तत्व है नैतिकता जिसको समझना काफी ज़रूरी है। आम जनकल्याण के लिए मानसिकता बनाकर काम करेंगे तभी भारत समृद्धशाली हो जाएगा।

निहारिका माहेश्वरी: बहुत धन्यवाद हमारे चैनल से बात करने के लिए।

First Published: Wednesday, October 23, 2013, 16:44

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