Last Updated: Tuesday, February 7, 2012, 15:57
नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) ने बेहतर उत्पादन के मद्देनजर और 10 लाख टन चीनी के निर्यात की मंजूरी देने का फैसला किया है।
ईजीओएम ने बासमती चावल का निर्यात बढाने के लिए इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य घटाकर 700 डॉलर प्रति टन कर दिया है और गैर बासमती चावल के निर्यात की स्वीकृत सीमा 20 लाख से बढा कर 40 लाख टन कर दी।
इस बैठक में मौजूद एक कैबिनेट मंत्री ने कहा, ईजीओएम ने 10 लाख टन चीनी के निर्यात की मंजूरी दी जबकि गैर बासमती चावल के निर्यात की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख टन कर दी है। बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य को 900 डॉलर प्रति टन से घटाकर 700 डॉलर प्रति टन कर दिया गया है। एक अन्य मंत्री ने कहा कि समिति ने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य नहीं घटाया। बजाय इसके ईजीओएम ने हालात की समीक्षा के लिए एक अंतर-मंत्रालयीय समूह के गठन का फैसला किया। सामान्य किस्म के प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 150 डॉलर प्रति टन है।
ईजीओएम द्वारा लिए गए फैसले की घोषणा चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद की जाएगी क्योंकि देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव हो रहे हैं।
पिछले साल सरकार ने अक्टूबर 2011 से शुरू मौजूदा गन्ना पेराई सत्र में खुले सामान्य लाईसेंस के तहत 10 लाख टन चीनी के निर्यात को मंजूरी दी थी। समिति ने अतिरिक्त मात्रा में चीनी निर्यात की मंजूरी दी क्योंकि देश में चालू विपण वर्ष में 2.6 करोड़ टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि सालाना घरेलू खपत 2.2 करोड़ टन की है।
निर्यात बढ़ाने से चीनी मिलों का नकदी संकट कम होने और गन्ना उत्पादकों का बकाया निपटाने में उन्हें असानी होने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत से 22 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया गया था। गैर बासमती चावल के निर्यात पर पाबंदी सितंबर 2011 में हटाई गयी थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 7, 2012, 21:27