Last Updated: Monday, January 23, 2012, 11:14
नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-12) के दौरान देश में 52,000 मेगावाट नई बिजली उत्पादन क्षमता जुड़ने की उम्मीद है। यह मौजूदा योजना के लक्ष्यों से कम पर 10वीं योजना की उपलब्धि की 2.5 गुना है। 10वीं योजना में 20,950 मेगावाट नई बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित की गयी थी।
11वीं योजना में संभावित क्षमता सृजन सरकार द्वारा पहले ही घटा दिए गए लक्ष्य से करीब 10,000 मेगावाट कम है। 31 मार्च 2012 को पूरी हो रही पांच वर्ष की अवधि में पहले कुल 78,577 मेगावाट नयी उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया था। पंचवर्षीय योजना की मध्यावधि समीक्षा में योजना आयोग ने इसे घटाकर 62,000 मेगावाट कर दिया था। कोयले की कमी और पर्यावरण संबंधी मंजूरियां में देरी से बिजली परियोजनाओं की प्रगति प्रभावित हुई है।
केंद्रीय बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने यहां बिजली और ईंधन क्षेत्र के उद्योगों के सम्मेलन- इंडिया एनर्जी कांग्रेस के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा, हम 11वीं योजना के दौरान 52,000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन क्षमता जोड़ने जा रहें जो 10वीं योजना का 2.5 गुना अधिक है।
उन्होंने कहा, इसके अलावा इस दौरान 10,000 मेगावाट क्षमता कैप्टिव (कंपनियों के अपने प्रयोग के लिए स्थापित बिजली घर) पावर से जुडने वाली है। बिजली मंत्री ने इस तरह इन पांच वर्षों में कुल 62-64 हजार मेगावाट नयी क्षमता जुड़ने की संभावना है। उन्होंने कहा, कुल मिलाकर चालू योजना के अंत तक हम 62,000 से 64,000 मेगावाट अतिरिक्त उत्पादन जोड़ने में सफल होंगे। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 23, 2012, 16:54