Last Updated: Sunday, October 16, 2011, 08:58
नई दिल्ली : निजी
कंपनियां जहां अतिरिक्त स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए हाथ-पांव मार रही हैं, वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल ने 17 सर्किलों में ब्राडबैंड वायरलेस एक्ससेस (बीडब्ल्यूए) स्पेक्ट्रम लौटाने की पेशकश की है। अगर कंपनी का अनुरोध स्वीकार हो जाता है तो उसे 8313.80 करोड़ रुपये का रिफंड मिलेगा।
दूरसंचार विभाग के एक सूत्र ने बताया कि बीएसएनएल ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) को पत्र लिखकर बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम लौटाने की पेशकश की है। कंपनी केवल महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात तथा हरियाणा में क्षेत्र स्पेक्ट्रम रखना चाहती है। बीएसएनएल को 2010-11 में 6000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। इसका मुख्य कारण कर्मचारी के वेतन मद में उच्च खर्च तथा 3जी सेवा एवं बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम के लिए किया गया भुगतान है।
पिछले वर्षों में बीडब्ल्यू की नीलामी के दौरान बीएसएनएल ने सरकार को स्पेक्ट्रम शुल्क के रुप में 8500 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। कंपनी को 21 सर्किलों के लिए बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम आवंटित किया गया था। जारी सूत्र ने कहा कि पत्र में कहा गया है कि बीएसएनएल को नॉन स्टैंडर्डाइज्ड बीडब्ल्यूए का जो स्पेक्ट्रम आवंटित किया गया था, उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सका। अत: कंपनी इसे लौटाना चाहती है। विभाग अब इस पर विचार करेगा और अगर संभव हुआ तो इसकी फिर से नीलामी के विकल्प पर विचार कर सकता है।
बीएसएनएल के कर्मचारी संगठनों ने सरकार से नॉन स्टैंडर्डाइज्ड बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम वापस लेकर 8313 करोड़ रुपये से अधिक राशि लौटाने का आग्रह किया है। कंपनी इस समय भारी वित्तीय दबाव में है। कंपनी का घाटा 2010-11 में बढ़कर 6000 करोड़ रुपया होने का अनुमान है जो 2009-10 में 1823 करोड़ रुपये था। बीएसएनएल को वर्ष 2005-06 में सर्वाधिक 10000 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था लेकिन उसके बाद से इसमें निरंतर कमी आ रही है। कंपनी की कुल आय का 47 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारियों के वेतन भत्ता मद में जाता है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 16, 2011, 14:28