Last Updated: Tuesday, February 19, 2013, 17:59
इंदौर : भारत को विकसित मुल्क में बदलने के लिए नाभिकीय ऊर्जा की जरूरत को ‘अनिवार्य’ बताते हुए सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. आर. चिदंबरम ने मंगलवार को अनुमान लगाया कि अगले 20 सालों के दौरान देश के कुल बिजली उत्पादन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का योगदान बढ़कर 10 फीसद के स्तर पर पहुंच जाएगा।
राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआर.कैट) के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से चिदंबरम ने कहा, ‘फिलहाल देश के बिजली उत्पादन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की भागीदारी महज चार प्रतिशत के आस-पास है। लेकिन नए रिएक्टरों के शुरू होने के बाद इस भागीदारी में तेजी से इजाफा होगा और मेरा अनुमान है कि अगले 20 सालों में यह बढ़कर 10 फीसद पर पहुंच जाएगी।’
उन्होंने कहा, ‘विकसित देशों की कतार में पहुंचने के लिए हमें भारत में प्रति व्यक्ति बिजली खपत छह से आठ गुना बढ़ानी होगी और यह वृद्धि नाभिकीय ऊर्जा के बगैर नहीं हो सकती। देश को विकसित बनाने के लिए नाभिकीय ऊर्जा अनिवार्य है।’
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने एक सवाल पर कहा, ‘जापान के फुकुशिमा स्थित नाभिकीय विद्युत संयंत्र में वर्ष 2011 के दौरान हुए हादसे से सबने सबक सीखा है। इस हादसे को लेकर बुरी तरह झकझोर देने वाली प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। इसके बाद दुनिया भर में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में सुरक्षा इंतजामों की नए सिरे से समीक्षा की गयी है।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 19, 2013, 17:59