2009-10 में गरीबी घट कर 29.8% रही - Zee News हिंदी

2009-10 में गरीबी घट कर 29.8% रही



नई दिल्ली : आयोग ने सोमवार को कहा कि 2009-10 में भारत में गरीबी का अनुपात 29.8 फीसदी रहा। 2004-05 में देश की आबादी में 37.2 प्रतिशत लोग गरीब थे। योजना आयोग ने यहां जारी एक रिपोर्ट में कहा कि 2004-05 से 2009-10 के बीच शहरी इलाकों मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी का अनुपात ज्यादा तेजी से घटा है। वित्त वर्ष 2009-10 में देश में गरीबों की कुल संख्या 37.47 करोड़ थी जो 2004-05 में 40.72 करोड़ थी।

 

आधिकारिक बयान में कहा गया कि अखिल भारतीय गरीबी अनुपात (एचसीआर) 2009-10 में घटकर 29.8 फीसदी था जो 2004-05 में 37.2 फीसदी था। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी का अनुपात आठ फीसद घटकर 41.8 फीसद की जगह 33.8 फीसद पर और शहरी इलाकों में गरीबी 4.8 फीसद घटकर 20.9 फीसद पर आ गई जो पांच साल पहले 25.7 फीसद थी। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तराखंड में गरीबों का अनुपात 10 फीसद से भी ज्यादा गिरा।

 

इसी दौरान पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड में गरीबी बढ़ी है। बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे अपेक्षाकृत बड़े राज्यों में गरीबी के अनुपात, विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में गरीबी में कमी तो आई है पर यह कम हल्की ही है। योजना आयोग का गरीबी का अनुमान तेंदुलकर समिति द्वारा सुझाई गई पद्धिति पर आधारित है, जिसमें भोजन में कैलोरी की मात्रा के अलावा परिवारों द्वारा स्वास्थ्य और शिक्षा पर किया जाने वाले खर्च भी गौर किया गया है। धार्मिक समूहों के आधार पर की गयी गड़ना में सिख आबादी में गरीबों का अनुपात ग्रामीण इलाकों में 11.9 फीसद रहा।

 

ग्रामीण इलाकों में सिखों में अन्य धार्मिक समूहों की तुलना में गरीबो का अनुपात सबसे कम है। शहरी इलाकों में इसाइयों में गरीबों का अनुपात 12.9 फीसद रहा जो शहरी इलाकों में अन्य धार्मिक समूहों की तुलना में सबसे कम है। ग्रामीण इलाके में मुसलमानों में गरीबों का अनुपात जिन राज्यों में सबसे अधिक है उनमें असम (53.6 फीसदी), उत्तर प्रदेश (44.4 फीसद), पश्चिम बंगाल (34.4 फीसद) और गुजरात (31.4 फीसद) शामिल हैं।

 

शहरी इलाकों में अखिल भारतीय स्तर पर मुसलमानों में गरीबी का अनुपात सबसे अधिक 33.9 फीसद है। इसी तरह शहरी इलाकों में राजस्थान (29.5 फीसद), उत्तर प्रदेश (49.5 फीसद), गुजरात (42.4 फीसद), बिहार (56.5 फीसद) और पश्चिम बंगाल (34.9 फीसद) में मुसलमानों की गरीबी का अनुपात उंचा है। सामाजिक आधार पर ग्रामीण इलाकों में अनुसूचित जनजातियों में गरीबी का अनुपात 47.4 फीसद, अनुसूचित जनजाति 42.3 फीसद और अन्य पिछड़ा वर्ग में गरीबी का अनुपात 31.9 फीसद है। शहरी इलाकों में अनुसूचित जाति की आबादी में गरीबी का अनुपात 34.1 फीसद, अनुसूचित जनजाति 30.4 फीसद तथा अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों में गरीबी का अनुपात 24.3 फीसद है। बिहार और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में करीब दो तिहाई अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग गरीबी की रेखा के नीचे रह रहे है। जबकि मणिपुर, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इन वर्गों में गरीबी का अनुपात 50 प्रतिशत से अधिक है।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 20, 2012, 09:05

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