Last Updated: Sunday, May 20, 2012, 15:42
न्यूयॉर्क : योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि रुपये के मूल्य में गिरावट तथा उच्च मुद्रास्फीति के कारण भारत के लिये चालू वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करना मुश्किल होगा।
उन्होंने भारत सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय नहीं ले पाने को लेकर चिंताओं को खारिज कर दिया और कहा कि उन्हीं नीतियों की बदौलत पूर्व में देश 9 प्रतिशत से अधिक आर्थिक वृद्धि हासिल करने में सफल रहा।
अहलूवालिया ने कहा, वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह इस साल 7.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि की उम्मीद कर रहा है। यह मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली तिमाही में आर्थिक वृद्धि मजबूत नहीं रही, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह कैसी रहेगी, यह देखना बाकी है।
अहलूवालिया ने कहा, हमें कम होती आर्थिक वृद्धि से बाहर निकले तथा तीव्र वृद्धि की राह पर लौटने की जरूरत है। रुपये के मूल्य में गिरावट, उच्च मुद्रास्फीति तथा चालू खाते का घाटा जैसे आर्थिक कारण भारत को 8 से 9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर लौटने से रोक रहा है।
रुपये की विनिमय दर में इस साल मार्च से अबतक 11 प्रतिशत की कमी आयी है। साथ ही मुद्रास्फीति अप्रैल महीने में 7.23 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व महीने में 6.89 प्रतिशत थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार अर्थव्यवस्था को उच्च वृद्धि के रास्ते पर लाने के लिये कड़े निर्णय करेगी, अहलूवालिया ने कहा, मुझे ऐसी उम्मीद है। भारत में अपार संभावनाएं हैं। एक तरफ दुनिया में जहां उथल-पुथल हो रही है वहीं भारत एक प्रमुख निवेश गंतव्य हो सकता है और हमें इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए।
भारत सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय नहीं ले पाने को लेकर चिंताओं को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हीं नीतियों की बदौलत पूर्व में देश 9 प्रतिशत से अधिक आर्थिक वृद्धि हासिल करने में सफल रहा।
नीतिगत निर्णय नहीं ले पाने के कारण निवेश और आर्थिक वृद्धि पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर अहलूवालिया ने कहा, मौजूदा नियमों के आधार पर आर्थिक वृद्धि दर पांच साल तक 9 प्रतिशत रही। मैं यह नहीं कह रहा कि हमें नहीं बदलना चाहिए। हमें बदलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार में प्राय: मुद्दों को सुलझाने में विलम्ब होता है लेकिन कई ऐसे मामले हैं जहां सरकार कदम उठा सकती है और उसके लिये कानूनी कदम की जरूरत नहीं है। हमें उस पर ध्यान देना चाहिए। सरकार इसको लेकर एजेंडे पर काम कर रही है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 20, 2012, 21:12