2012 में शेयरों में तेजी से निवेशकों की संपत्ति 27 % बढ़ी। Investor wealth soars 27% to over Rs 67 lakh cr in 2012

2012 में शेयरों में तेजी से निवेशकों की संपत्ति 27 % बढ़ी

2012 में शेयरों में तेजी से निवेशकों की संपत्ति 27 % बढ़ीमुंबई : लिवाली समर्थन के चलते इस साल शेयर सूचकांकों में लगभग 25 प्रतिशत की मजबूती आई और निवेशकों की संपत्ति 27 प्रतिशत बढ़कर लगभग 67.7 लाख करोड़ रुपये हो गई।

विश्लेषकों का कहना है कि भारी पूंजी प्रवाह तथा बाद में सरकार के आर्थिक सुधार कदमों का सकारात्मक असर बाजार पर रहा हालांकि आर्थिक वृद्धि दर तथा बढ़ते राजकोषीय घाटे को लेकर चिंता बरकरार है।

भारतीय शेयर बाजारों में 2011 में गिरावट आई थी। लेकिन 2013 को लेकर उम्मीदें बहुत अच्छी हैं क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है तथा 2012-13 की तीसरी तिमाही में आय वृद्धि अच्छी रहने की उम्मीदें है।

शेयर बाजारों में सुधार के कारण निवेशकों की संपत्ति 21 दिसंबर तक 14.5 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 67,78,609 करोड़ रुपये हो गई। यह पिछले साल 53,12,875 करोड़ रुपये थी।

विश्लेषकों का कहना है कि तीसरी तिमाही में कंपनियों की आय बाजार अनुमानों से बेहतर रहने की उम्मीद है। संप्रग सरकार द्वारा और सुधार तथा आईपीओ, एफपीओ तथा ओएफएस में खुदरा भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है।

बीएसई का तीस शेयर आधारित सेंसेक्स इस साल के दौरान 3,787 अंक या 24.5 प्रतिशत चढ़कर 21 दिसंबर 2012 को 19,242 अंक हो गया। यह पिछले साल 15,454.92 अंक था।

वर्ष 2011 के दौरान सेंसेक्स 5,054 अंक या 24 प्रतिशत से अधिक टूटा था।

इसी तरह आलोच्य वर्ष में नेशनल स्टाक एकसचेंज का निफ्टी 1,223 अंक या 26.5 प्रतिशत चढ़कर 21 दिसंबर 2012 को 5,847.70 अंक पर बंद हुआ। पिछले साल यह 4,626.30 अंक पर बंद हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों ने औद्योगिक उत्पादन में नरमी, निर्यात में गिरावट, बढ़ते राजकोषीय घाटे, घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निराशाजनक माहौल जैसे नकारात्मक तत्वों को नजरअदांज कर दिया।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने साल के दौरान भारतीय पूंजी बाजार में दूसरा सबसे बड़ा निवेश किया।

बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों के अनुसार एफआईआई ने 21 दिसंबर तक 1,21,652 करोड़ रुपये या 23.15 अरब डालर का निवेश किया। इससे पहले 2010 में एफआईआई ने 1,33,266 करोड़ रपये का निवेश किया।

सीएनआई रिसर्च के चैयरमेन किशोर पी ओस्तवाल ने कहा कि कुछ बड़े निवेशकों ने बड़ा मुनाफा कमाया और फ्लोटिंग शेयरों की कमी के चलते कुछ चुनिंदा शेयर नयी उंचाई पर चले गए। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि खुदरा निवेशकों को तो द्वितीयक (आईपीओ) बाजार में भी अधिक फायदा नहीं हुआ और वे अपनी अंशधारिता बेचते नजर आये। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 23, 2012, 20:02

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