Last Updated: Sunday, June 9, 2013, 16:53
नई दिल्ली : देश का चीनी उत्पादन अक्तूबर से शुरु होने वाले विपणन वर्ष 2013-14 में आठ प्रतिशत घटकर 2.32 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इसका मुख्य कारण गन्ने का कम उत्पादन होना है। अमेरिकी कृषि विभाग की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। दुनिया में चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश और सबसे बड़े उपभोक्ता देश भारत में चीनी का उत्पादन 2012-13 के विपणन वर्ष (अक्तूबर से सितंबर) में 2.52 करोड़ टन होने का अनुमान है।
इसमें कहा गया है, अपेक्षाकृत मजबूत घरेलू कीमतों के कारण भारत के विपणन वर्ष 2013-14 में शुद्ध चीनी आयातक देश बनना तय है। देश में चीनी की वाषिर्क खपत करीब 2.2 करोड़ टन है। विभाग के अनुसार चीनी उत्पादन में अपेक्षित गिरावट का कारण गन्ना खेती के कम रकबे तथा वैकल्पिक मिठास वाले फसलों की ओर बढ़ता झुकाव है। इसमें कहा गया है कि अगले विपणन वर्ष में गुड़ की कीमतें, चीनी कीमतों के मुकाबले अपेक्षाकृत मजबूत रहने की उम्मीद है।
राज्यवार ढंग से रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन विपणन वर्ष 2013-14 में 26 प्रतिशत घटकर 58.7 लाख टन रह सकता है जो चालू वर्ष में 79.1 लाख टन था। कर्नाटक में चीनी उत्पादन अगले वर्ष घटकर 26.9 लाख टन रह सकता है जो चालू वर्ष में 31.2 लाख टन है। हालांकि उत्तर प्रदेश में समीक्षाधीन अवधि में चीनी उत्पादन बढ़कर 84 लाख टन हो सकता हे जो इस वर्ष 77.2 लाख टन था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 9, 2013, 16:53