Last Updated: Saturday, December 29, 2012, 18:33
नई दिल्ली : दुनिया के विकसित देशों में मंदी के बावजूद देश के करीब 83 प्रतिशत कामकाजी लोगों का मानना है कि वर्ष 2013 में आर्थिक स्थिति इस साल से बेहतर होगी। 72 प्रतिशत कर्मचारियों ने इस साल भी स्थिति को ठीकठाक बताया। इस दौरान भारत में 83 प्रतिशत ने माना कि उन्हें वेतन वृद्धि का भी लाभ मिला जबकि विश्व औसत इस मामले में 55 प्रतिशत रहा।
रैंडस्टैड इंडिया ने अक्तूबर-दिसंबर वर्कमॉनीटर सर्वेक्षण 2012 के निष्कर्षों में कहा कि भारतीय कार्यशक्ति अत्यधिक आशावादी हैं। रैंडस्टैड वर्कमॉनीटर नौकरी के इच्छुक लोगों के आत्मविश्वास पर निगरानी रखने वाली एजेंसी है। कंपनी पिछले 20 साल से मानव संसाधन सेवा उद्योग में काम कर रही है। पहले मा.फोई के नाम से जानी जाने वाली कंपनी वर्ष 2008 में रैंडस्टैड का हिस्सा बन गई।
रैंडस्टैड इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ई बालाजी ने कहा, ‘जहां एक ओर वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी का दौर जारी है, वहीं दूसरी तरफ यह प्रसन्नता की बात है कि भारतीय कर्मचारी देश की आर्थिक स्थिति तथा अपने नियोक्ताओं के स्थायित्व को लेकर आशावादी हैं।’ उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 कर्मचारियों और कंपनी दोनों के लिये चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है। नियोक्ताओं को कामकाजी माहौल में संतुलन की समस्या पर ध्यान देना चाहिये।
सर्वेक्षण में 87 प्रतिशत लोगों ने कहा कि 2012 में उनका कार्यभार बढ़ा है जबकि 93 प्रतिशत ने कहा कि 2013 में उन्हें कार्य और जीवन के बीच बेहतर संतुलन स्थापित होने की उम्मीद है। भारत में 92 प्रतिशत कर्मचारी मानते हैं कि उनके संगठन की स्थिति बेहतर होगी, जबकि हांगकांग में 86 प्रतिशत और सबसे कम यूनान में 32 प्रतिशत कर्मचारी इसमें विश्वास करते हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 29, 2012, 18:33