Last Updated: Saturday, August 10, 2013, 19:11
नई दिल्ली : रीयल एस्टेट क्षेत्र आवास की तेजी से बढ़ती मांग के मद्देनजर 2025 तक जीडीपी में अपना योगदान दोगुने से अधिक कर 13 प्रतिशत पहुंचा सकता है। हालांकि, इसके लिए सरकार को ढांचागत बाधाएं दूर करनी होंगी और मंजूरी प्रक्रिया में तेजी दिखानी होगी।
जमीन-जायदाद क्षेत्र को परामर्श देने वाली कंपनी सीबीआरई ने कहा कि वर्ष 2013 में जीडीपी में रीयल एस्टेट क्षेत्र का योगदान 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। देश के सकल घरेलू उत्पाद का आकार 2012.13 में 1,800 अरब डॉलर रहा।
सीबीआरई की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2025 तक रीयल एस्टेट क्षेत्र 1.72 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करेगा और 82 लाख वर्ग फुट जगह की आपूर्ति करेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि इस क्षेत्र में कई चुनौतियां हैं जैसे उंची उधारी लागत, मंद एवं असमान ढांचागत विकास एवं लंबी मंजूरी प्रकिया आदि। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 10, 2013, 19:11