Last Updated: Sunday, August 11, 2013, 17:49
नई दिल्ली : राजस्व चोरी पर काबू पाने के वित्त मंत्रालय के प्रयासों के चलते 2012-13 की आखिरी तिमाही में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष कर की 2,158 करोड़ रुपये से अधिक की चोरी पकड़ी गई। मंत्रालय ने यह चोरी संदिग्ध लेन पर आनलाइन निगरानी रखने की अनूठी पहल वच्यरुल ऑफिस के जरिए पकड़ी। मंत्रालय ने राजस्व आसूचना से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों के बीच समय पर (रीयट टाइम) समन्वय के लिए इस साल यह प्रणाली स्थापित की है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए 1,408 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय तथा संपत्ति पकड़ी। एक सरकारी दस्तावेज के अनुसार सीबीईसी के अधीन केंद्रीय उत्पाद शुल्क आसूचना महानिदेशालय (डीजीसीईआई) तथा राजस्व आसूचना महानिदेशालय (डीजीआईआर) ने इस दौरान कम से कम 750 करोड़ रुपये की अप्रत्यक्ष कर चोरी पकड़ी।
इन एजेंसियों ने संदिग्ध लेन देन रपटों (एसटीआर) के आधार पर कार्रवाई में यह कर चोरी पकड़ी। ये दोनों एजेंसियां भी वच्यरुअल ऑफिस कार्य्रकम का हिस्सा है। वच्यरुअल ऑफिस की स्थापना जनवरी में हुई थी जिसका उद्देश्य एसटीआर से मिलनी जानकारी पर निगरानी रखना है। एसटीआर दस लाख रुपए तथा इसे अधिक राशि वाले उन सौदों से जुड़ी होती है जिनके बारे में संदेह होता है कि इनमें काले धन या दवा के अवैध कारोबार का लेन देन हो सकता है। इसके अनुसार 32000 से अधिक एसटीआर सीबीडीटी को, 1443 डीजीसीईआई तथा 904 डीजीआरआई को भेजे गये तथा इन पर विचारों (फीडबैक) पर वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता में पांच अप्रैल को हुई बैठक में चर्चा हुई। वच्यरुअल ऑफिस में सीबीडीटी, डीजीआरआई, केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो, डीजीसीईआई तथा एफआईयू के प्रतिनिधि शामिल होते है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 11, 2013, 17:49