Last Updated: Tuesday, June 5, 2012, 23:08

नई दिल्ली : मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह ने 2जी लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद खाली हुए स्पेक्ट्रम की नीलामी छह अगस्त से शुरू करने का मंगलवार को फैसला किया।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले अधिकार प्राप्त मंत्री समूह (ईजीओएम) मंगलवार को 2जी स्पेक्ट्रम के मूल्य पर फैसला नहीं कर सका, लेकिन यह तय किया गया कि कम से कम 10 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी।
मंत्रीसमूह की बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि कुछ फैसले किए गए हैं। हम आपको बताएंगे। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिसमूह ने नीलामी का कार्य्रकम तय किया है, साथ ही बोली के लिए पेश किए जाने वाले स्पेक्ट्रम की मात्रा भी निर्धारित कर ली गई है।
ईजीओएम की अगली बैठक 20 जून के बाद कभी होगी। सूत्रों का कहना है कि नीलामीकर्ता को चुनने की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी गई है और सूचना ज्ञापन छह अगस्त को जारी किया जाएगा, जिससे बोली प्रक्रिया शुरू हो जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि ईजीओएम आधार मूल्य पर फैसला नहीं कर पाया क्योंकि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) मूल्य की सिफारिश और ग्राहकों तथा उद्योग पर इसके प्रभाव से संबंधित संपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत कर पाने में असफल रहा।
ट्राई ने एक मेगाहर्ट्ज अखिल-भारतीय स्पेक्ट्रम के लिए 3,622 करोड़ रुपये रिजर्व मूल्य की सिफारिश की थी, जो उस मूल्य से लगभग 10 गुणा अधिक है, जिस मूल्य पर 2008 में 2जी लाइसेंस का आवंटन किया गया था। इसके अलावा इसने 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के तरंग की जगह 1,800 मेगाहर्ट्ज बैंड पेश करने की भी सलाह दी थी।
कथित तौर पर स्पेक्ट्रम की रिफार्मिग (पुनर्वितरण) पर फैसला हो गया। इस पर प्रतिक्रिया में सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक राजन मैथ्यू ने कहा कि यदि रिफार्मिग की गई तो कंपनियों को काफी नुकसान सहना पड़ेगा।
गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से स्पेक्ट्रम की नीलामी 31 अगस्त तक करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा के कार्यकाल में 2008 में आवंटित 122 टूजी लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 5, 2012, 23:08