Last Updated: Saturday, August 4, 2012, 17:32
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल के दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए न्यूनतम मूल्य 14,000 करोड़ रुपए तय करने के साथ ही इस बात की आशंका प्रबल हो गई है कि फोन करना महंगा हो जाएगा। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि मोबाइल कॉल दरें 30 पैसे प्रति मिनट तक बढ़ सकती हैं।
महंगी मोबाइल सेवा की जमीन लगभग तैयार हो चुकी है और जल्द ही टेलीकॉम कंपनियों की नई दरें सामने आने के आसार हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को दूरसंचार पर मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह यानी ईजीओएम की ओर से 2-जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए तय किए गए 14 हजार करोड़ रुपए के आरक्षित मूल्य यानी रिजर्व प्राइस को मंजूरी दे दी। यानी अब पूरे देश में मोबाइल सेवा शुरू करने की इच्छुक कंपनियों को कम से कम इतनी राशि की बोली तो लगानी ही पड़ेगी।
रिजर्व प्राइस तय होने के बाद टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से मोबाइल की कॉल दरें 30 पैसे प्रति मिनट तक बढ़ सकती हैं। हालांकि ट्राई यानी टेलॉकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ने 18 हजार करोड़ रुपए के रिजर्व प्राइस का सुझाव दिया था। मालूम हो कि 2जी घोटाले के सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 122 लाइसेंसों को रद्द करने का आदेश दिया था और इन लाइसेंसों को नीलामी के जरिए 31 अगस्त तक दोबारा आवंटित करने के लिए कहा था।
First Published: Saturday, August 4, 2012, 17:32