Last Updated: Monday, April 8, 2013, 22:05

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकार से कहा है कि वह भारती एयरटेल के खिलाफ किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे। कंपनी पर अवैध तरीके से उन सात सर्किल में रोमिंग सुविधा देने का आरोप है जहां उसके पास 3जी स्पेक्ट्रम के लिये लाइसेंस नहीं है।
शीर्ष अदालत ने संबंधित पक्षों से 11 अप्रैल को होने वाले मामले की अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाये रखने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर तथा न्यायाधीश विक्रमजीत सेन की पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई 11 अप्रैल को होने दीजिए। तब तक संबंधित पक्षों को मामले में यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया जाता हैं इस बीच दूरसंचार विभाग कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा।
शीर्ष अदालत भारतीय एयरटेल की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गयी है। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में केंद्र के उस निर्णय पर अपनी सहमति जतायी थी जिसमें दूरसंचार कंपनी के 3जी रोमिंग समझौते को अवैध करार दिया गया है।
उच्च न्यायालय ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड की याचिका पर यह आदेश दिया था। याचिका में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि उसे 3जी के लिये दैनिक आधार पर भारी नुकसान हो रहा है और भारती उसका मुफ्त में उपयोग कर रही है।
दूरसंचार विभाग ने 15 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर भारत को सात सर्किलों में जहां उसके पास स्पेक्ट्रम नहीं है, में 3जी अंतर- सर्किल रोमिंग सुविधा देने से रोक दिया था। इसके अलावा भारती पर लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन करते हुये प्रति सर्किल 50 करोड़ रुपये के हिसाब से 350 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा दिया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 8, 2013, 22:05