Last Updated: Wednesday, March 28, 2012, 16:00
नई दिल्ली : पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सचिव जीसी चतुर्वेदी ने बताया कि लागत से कम दाम पर पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री से तेल विपणन कंपनियों को इस साल 1,40,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हमने वित्त मंत्रालय से चौथी तिमाही के लिए 40000 करोड़ रुपये अतिरिक्त नकद सब्सिडी उपलब्ध कराने की मांग की है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने विश्व बाजार में कच्चे तेल के बढ़ते दाम पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों के दाम पर कोई भी निर्णय लेने से पहले राजनीतिक स्तर पर आम सहमति होना जरुरी है। रेड्डी की उपस्थिति में आज यहां नई तेल उत्खनन लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के नौवें दौर के तहत 16 ब्लॉक आवंटन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। नेल्प के इस नौवें दौर के लिए 34 ब्लॉक की पेशकश की गई थी, 33 के लिये बोली मिली जिनमें से 16 के लिये उत्पादन भागीदारी समझौते पर आज हस्ताक्षर किए गए।
रेड्डी ने इस मौके पर पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ाने के बारे में बार बार पूछे गये सवालों के जवाब में कहा कि विश्व बाजार में आज कच्चे तेल के दाम जिस स्तर पर हैं वह गहन चिंता का विषय है, लेकिन मूल्यों के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले राजनीतिक आमसहमति बनाना जरुरी है। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम इन दिनों 125 डालर प्रति बैरल के आसपास चल रहा है।
कच्चे तेल के ऊंचे दाम से तेल कंपनियों को हो रहे भारी नुकसान और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की सब्सिडी कटौती की दिशा में कड़े कदम उठाए जाने के सवाल पर रेड्डी ने कहा कि वित्त मंत्री इस मामले में विस्तार से काफी कुछ कह चुके हैं, मेरे पास इस बारे में कहने के लिये ज्यादा कुछ नहीं है। उन्होंने केवल इतना कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय लगातार वित्त मंत्रालय के संपर्क में है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 28, 2012, 21:30