Last Updated: Wednesday, June 26, 2013, 14:07
नई दिल्ली : निष्क्रिय पड़े कोयला खदानों के खिलाफ कार्रवाई आगे बढ़ाते हुए अंतर-मंत्रालयी समिति ने जेएसपीएल तथा आर्सेलर मित्तल जैसी कंपनियों के 56 कोयला खदानों की प्रगति की आज समीक्षा की तथा कुछ कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की सिफारिश की।
मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, अतिरिक्त सचिव (कोयला) की अध्यक्षता वाला अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) की कल 19वीं बैठक हुई। बैठक में दो लिग्नाइट तथा 56 कोयला खदानों के विकास, प्रगति की समीक्षा की गयी। बैठक के दौरान समिति ने कुछ मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी करने का सुझाव दिया। हालांकि सूत्र ने उन कंपनियों का नाम बताने से मना कर दिया जिनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने की सिफारिश की गयी है।
जिन अन्य कंपनियों को आवंटित कोयला खदानों की समीक्षा की गयी, उसमें रूंगटा माइन्स, अदाणी पावर, एनटीपीसी, लैंको समूह, जेएसडब्ल्यू स्टील तथा जायसवाल नेको शामिल हैं।
इस माह की शुरूआत में कोयला मंत्रालय ने निजी इस्तेमाल के लिये आवंटित 30 कोयला खदानों के विकास में देरी को लेकर संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी किया था। इन कंपनियों में एनटीपीसी, जीवीके पावर तथा मोनेट इस्पात शामिल हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 26, 2013, 14:07