Last Updated: Tuesday, February 7, 2012, 12:48
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में 6.9 फीसदी विकास दर रहने के अनुमान में ऊपर की ओर संशोधन हो सकता है, क्योंकि हाल के दिनों में कारोबारी माहौल बेहतर हुआ है और महंगाई दर में गिरावट आई है।
मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, कारेाबारी माहौल बेहतर हो रहा है, फिर भी चिता बनी हुई है। हमें विकास दर को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा लेकिन इसी के साथ यह भी ध्यान रखना होगा कि महंगाई दर कम रहे।
यहां सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय आय के नए अनुमानों में कहा गया है, साल 2011-12 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
कारोबारी साल 2010-11 में आर्थिक विकास दर 8.4 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2009-10 में आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत थी।
आंकड़े पर प्रतिक्रिया देते हुए मुखर्जी ने कहा कि आंकड़े निराशाजनक हैं, लेकिन वैश्विक आर्थिक स्थिति और घरेलू बाजार में औद्योगिक सुस्ती को देखते हुए इसे आश्चर्यजनक नहीं माना जा सकता।
वित्त मंत्री ने कहा कि 16 मार्च को 2012-13 के लिए पेश होने वाले आम बजट में वह विकास दर बढ़ाने और महंगाई दर को निचले स्तर पर रखने तथा वित्तीय घटा कम करने के उपायों पर ध्यान देंगे।
उन्होंने कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में विदेशी निवेश और औद्योगिक विकास में आई कमी के कारण विकास दर पर नकारात्मक असर पड़ा।
सकल स्थायी पूंजी निर्माण मौजूदा कारोबारी साल में सुस्त वृद्धि के साथ 26,09,963 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले कारोबारी साल में 23,31,382 करोड़ रुपये था। इस सूचकांक में कमजोरी रहने का मतलब है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ रही है।
मार्च में समाप्त होने जा रहे इस वित्तीय वर्ष में जिन मुख्य क्षेत्रों में कम विकास हुआ उनमें विनिर्माण क्षेत्र प्रमुख है। इसमें केवल 3.9 प्रतिशत का विस्तार होने का अनुमान है जबकि खनन क्षेत्र में 2.2 प्रतिशत की ऋणात्मक वृद्धि रहेगी।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के ताजा उपलब्ध अनुमानों के मुताबिक अप्रैल से नवम्बर माह की अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 4.1 प्रतिशत वृद्धि रही। इसी अवधि में कृषि क्षेत्र में 2.5 प्रतिशत का सुस्त विकास हुआ, जिसमें पिछले कारोबारी साल में सात फीसदी विकास हुआ था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 7, 2012, 18:18