Last Updated: Tuesday, August 21, 2012, 20:19

नई दिल्ली : एयर इंडिया को संकट से उबारने के विभिन्न उपायों के तहत इस विमानन कंपनी के बोर्ड ने सभी नियमित और स्थायी कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृति देने की योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी है।
नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने एक लिखित उत्तर में कहा कि एयर इंडिया को संकट से उबारने के लिए उसमें काम करने श्रमबलों की संख्या को युक्तिसंगत बनाने तथा उनके अधिकतम उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए एयर इंडिया के बोर्ड ने सभी नियमित और स्थायी कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृति देने की योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी है।
स्वैच्छिक सेवानिवृति योजना में वे कर्मचारी आयेंगे जो भारतीय वेतनमान में आते हैं और कंपनी में 15 वर्ष की निरंतर सेवा की है या योजना की समाप्ति की तिथि के समय न्यूनतम 40 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं। इस स्वैच्छिक सेवानिवृति योजना में वे कर्मचारी पात्र नहीं होंगे जिन्हें विमान इंजीनियर, पायलट सिम्यूलेटर अनुरक्षण इंजीनियर, अनुमोदित उड़ान डिस्पेचर, सेवा इंजीनियर आदि रूप में डीजीसीए से लाइसेंस मंजूरी प्राप्त है। उन्होंने बताया कि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद प्रस्तावित वीआरएस को अधिसूचित किया जाएगा।
उन्होंने राज्यसभा को बताया कि एयर इंडिया में विमानों पर कर्मचारियों का अनुपात 258 है। उन्होंने कहा कि अधिकतर एयरलाइनों ने अपने कार्य को आउटसोर्स कर दिया है और इसके कारण वहां विमानों पर कर्मचारियों का अनुपात कम है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 21, 2012, 20:19