CSR को अतिरिक्त कर के रूप में नहीं लें कंपनियां: सरकार--Don`t treat CSR as an additional tax: Govt to companies

CSR को अतिरिक्त कर के रूप में नहीं लें कंपनियां: सरकार

नई दिल्ली : सरकार चाहती है कि कंपनियां कारपोरेटि सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) को किसी अतिरिक्त कर के रूप में नहीं ले इस मद में खर्च का फैसला बिना किसी भय के करें। कारपोरेट कार्य मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि उनका मंत्रालय इस मुद्दे को वित्त मंत्रालय के समक्ष उठायेगा कि क्या कंपनियों को उनकी सीएसआर खर्च के लिए कर लाभ दिया जा सकता है? नये कंपनी विधेयक के तहत कतिपय कंपनियों को अपने लाभ का दो प्रतिशत सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना अनिवार्य होगा बशर्ते उनके पास ऐसा नहीं करने का कोई उचित कारण नहीं हो।

पायलट ने उम्मीद जताई कि कंपनियां इस मामले में पूरी तरह अनुपालन करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि कंपनियां अपनी सीएसआर गतिविधियों का फैसला खुद ही खुले मन से करें।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि सीएसआर को लेकर हर कोई सहमत है। सरकार द्वारा बिग ब्रदर के रूप में काम किए जाने का कोई भय नहीं है। मुझे उम्मीद है कि भारतीय समाज तथा अर्थव्यवस्था को इन कंपनियों से हजारों करोड़ रपये मिलेंगे। सीएसआर गतिविधियों के प्रकार को लेकर सरकार की तरफ से किसी हस्तक्षेप से इनकार करते हुए पायलट ने कहा, मेरा मानना है कि समुदाय को वापस देना देश की कारपोरेट इकाइयों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हम कंपनियों को यह बताना चाहते हैं कि यह आपका कारोबार तो वह (सीएसआर) आपकी जिम्मेदारी है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 2, 2013, 17:24

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