Last Updated: Friday, May 11, 2012, 09:59
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी नई दिल्ली : एयरइंडिया हड़ताल के मद्देनजर निजी विमानन कंपनियों द्वारा हवाई किराया अचानक 20 फीसदी तक बढ़ाए जाने का जिक्र करते हुए डीजीसीए ने आज उन्हें निर्धारित दायरे से अधिक किराया बढाने पर चेतावनी दी है। विमानन नियामक ने कहा कि पिछले दो महीने में परिचालन लागत में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं आया है।
सांसदों द्वारा कल संसद में इस मुद्दे को उठाने और सरकार से कार्रवाई करने की मांग के बीच डीजीसीए का यह आदेश आया है। डीजीसीए ने अपने आदेश में कहा कि विमानन कंपनियों की वेबसाइट, मीडिया में आई खबरों और यात्रियों से मिली जानकारी के जरिए डीजीसीए को पता चला है कि ज्यादा मांग वाले कुछ क्षेत्रों के किराए में अचानक बढ़ोतरी दर्ज हुई, विभिन्न मेट्रो वायुमार्गों पर पिछले महीने के मुकाबले किराए में लगभग 15-20 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। नियामक ने कहा कि दो महीने में इन विमानन कंपनियों की परिचालन लागत में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं आया है।
डीजीसीए ने एक आदेश में कहा कि उक्त मामले में सभी घरेलू विमानन कंपनियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि वह अपने वेबसाइट पर किराए के जिस मूल्य दायरे को दर्शाया गया है उसी के तहत किराया वसूलें। नियामक ने विमानन कंपनियों से कहा कि एयर इंडिया में चल रही हड़ताल और इस अवधि में मांग में बढ़ोतरी के कारण किराए में कोई बढ़ोतरी न करें। इस आदेश में कहा गया कि इस निर्देश के उल्लंघन से विमान नियम 1937 के नियम 135 के प्रावधानों के तहत निपटा जाएगा जिसके तहत डीजीसीए को किसी भी विमानन कंपनी के हवाई किराए से जुड़ी पारदर्शिता के मामले में हस्तक्षेप करने अधिकार है।
भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कल राज्य सभा में यह मामला उठाया और कहा कि यात्रियों को जहां एयर इंडिया की उड़ान रद्द होने से मुश्किल हो रही है वहीं निजी विमानन कंपनियों द्वारा किराए में बढ़ोतरी के कारण मुश्किल हो रही है। कई अन्य सदस्यों ने उनका साथ दिया।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 11, 2012, 23:03