Last Updated: Saturday, October 20, 2012, 00:10
नई दिल्ली : सेवानिवृत्ति कोष से जुड़े संस्थान ईपीएफओ के करीब पांच करोड़ उपभोक्ताओं को 2012-13 के दौरान अपने निवेश पर 8.6 फीसदी की दर से ब्याज मिल सकता है। यह पिछले वित्त वर्ष के दौरान दिए गए 8.25 फीसदी के ब्याज से अधिक है।
सूत्रों ने बताया, ‘ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष के लिए 8.6 फीसदी ब्याज तय किया है। 8.6 फीसदी का ब्याज देने से संगठन को कोई नुकसान नहीं होगा।’ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 2010-11 में 9.5 फीसदी ब्याज दिया था। बाद में वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान 8.25 फीसदी का ब्याज दिया था। सूत्रों के मुताबिक संगठन इससे अधिक करीब नौ फीसदी का ब्याज दे सकता है क्योंकि उसके पास निष्क्रिय खातों में 22,000 करोड़ रुपए जमा हैं।
ईपीएफओ के निष्क्रिय खाते ऐसे खाते हैं जिनमें पिछले 36 महीने से योगदान नहीं किया गया है। ईपीएफओ ने पिछले साल ही ऐसे निष्क्रिय खातों में ब्याज नहीं जोड़ने का फैसला किया था। सामान्य परिस्थितियों में ईपीएफओ वर्ष की शुरुआत में ही दिए जाने वाले ब्याज दर की घोषणा कर देता है। चालू वित्त वर्ष के दौरान दिये जाने वाले ब्याज की घोषणा में हुई देरी को लेकर श्रमिक संघों ने केन्द्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक जल्द बुलाने का दबाव बनाया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 20, 2012, 00:10