GAAR में जरुरत पड़ने पर होगा सुधार : प्रणब - Zee News हिंदी

GAAR में जरुरत पड़ने पर होगा सुधार : प्रणब



ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : सरकार ने मंगलवार को अल्पावधि पूंजीगत लाभ पर कर लगाने संबंधी शेयर बाजार की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि वह बजट में प्रस्तावित करभुगतान से बचने वालों के खिलाफ सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम (जीएएआर) की जांच परख करेगी और जरुरत पड़ने पर इसमें सुधार करेगी।

 

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज संसद में कहा कि मैं सामान्य कर परिवर्जन रोधी साधारण नियम (जीएएआर) का परीक्षण करुंगा और जब कभी जरुर होगी इसमें सुधार किया जाएगा। मुखर्जी ने वर्ष 2012-13 के बजट भाषण में कहा है कि सरकार सामान्य परिवर्जन.रोधी नियम की शुरुआत करना चाहती है। यह नियम कर से बचने की विभिन्न योजनाओं के इस्तेमाल को देखते हुए उनके प्रतिरोध में किया जाएगा।हालांकि इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि इसे उचित मामलों में ही उपयोग किया जाए और इसके लिए एक जीएएआर पैनल गठित किया जाएगा।

 

देश के शेयर बाजारों में कल 300 अंक से अधिक की गिरावट आ गई थी। कारोबारियों के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों के पार्टिसिपेटरी नोट के जरिये किये गये निवेश पर अल्पावधि पूंजीगत लाभ पर कर लगने को लेकर आशंका व्याप्त हुई थी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अध्यक्ष यूके सिन्हा ने भी कल कहा कि सरकार कर से बचाव के मामले में नया नजरिया अपनाने जा रही है ऐसे में वह भी उसी तरीके से आगे काम करेंगे। शेयर बाजार में उनके इस वक्तव्य से आशंका और बढ़ गई और सूचकांक दो प्रतिशत लुढ़क गया। हालांकि, आज बाजार में 200 अंक का सुधार दर्ज किया गया।

 

वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में आशंकाओं को दूर करते हुए आज कहा कि आयकर विभाग को नए जीएएआर को लागू करने से पहले इस मंशा को साबित करना होगा कि कर देने से बचने का प्रयास किया गया। हालांकि जीएएआर मामले में सूत्रों का कहना है कि दोहरे कराधान से बचने के समझौते के तहत किसी भी व्यक्ति को प्राप्त लाभ जीएएआर के लागू होने पर दरकिनार किए जा सकते हैं। जीएएआर के प्रावधान पिछली तिथि से नहीं बल्कि एक अप्रैल 2012 से लागू होंगे। सूत्रों ने कहा कि जीएएआर वित्तीय साधनों की किसी भी श्रेणी को लक्ष्य बनाकर तैयार नहीं किया गया है। इसके तहत कर भुगतान से बचने को साबित करने का मामले मुख्यतौर पर सरकार के हाथ में है जबकि आंशिक करदाता के हाथ में।

 

वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर ब्याज दर कम करने के मामले में उचित कदम उठाया जाएगा। वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि बिना ब्रांड वाले स्वर्णाभूषण पर उत्पाद शुल्क  वापस लिए जाने और दो लाख रुपये की आभूषण खरीदारी पर ही स्थायी खाता संख्या (पैन) की जरुरत रखे जाने की मांग पर विचार किया जा सकता है।

 

सरकार ने सोने के आयात पर शुल्क वृद्धि को वापस लेने से इनकार किया। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वह छोटे ज्वैलर्स की स्थिति को समझ सकते हैं, मामले में स्वीकार्य हल तलाशा जाएगा। आयकर कानून में पिछली तिथि से संशोधन को लेकर बढ़ती शंकाओं को दरकिनार करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि छह साल से ज्यादा पुराने मामले नहीं खोले जा सकते।

 

प्रणब ने कहा कि भारत कर अपवंचकों की पनाहगाह नहीं, कर कानून में पिछली तिथि से संशोधन राजस्व बाहर जाने से रोकने के लिए किया जा रहा है। उन्‍होंने कृषि क्षेत्र के विकास पर भी पूरा जोर दिया।

(एजेंसी)

 

First Published: Tuesday, March 27, 2012, 23:53

comments powered by Disqus