Last Updated: Sunday, December 16, 2012, 16:43

माले : भारतीय ढांचागत कंपनी जीएमआर हवाईअड्डा सौदे को रद्द करने के लिए मालदीव से 80 करोड़ डॉलर से अधिक का मुआवजा मांगेगी। वहीं मालदीव फारेंसिक ऑडिट पर जोर दे रहा है क्योंकि उसका मानना है कि मुआवजा कंपनी के दावे क आधे से भी कम होना चाहिए।
जीएमआर (एयरपोर्ट्स) के मुख्य वित्तीय अधिकारी सिद्धार्थ कपूर ने कहा,‘हमने मालदीव सरकार को पत्र भेजा है जिसमें मुआवजा राशि 80 करोड़ डॉलर से अधिक रहने का संकेत है। यह हमारा शुरुआती अनुमान है। अंतिम आंकड़ा कई गणनाओं पर आधारित होगा।’
वहीं, मालदीव सरकार ने इन गणनाओं को खारिज करते हुए किसी अंतरराष्ट्रीय फर्म से फोरेंसिक ऑडिट पर जोर दिया है।
राष्ट्रपति मोहम्मद वाहिद के प्रेस सचिव मसूद इमाद ने कहा,‘हम फारेंसिक आडिट करवाएंगे क्योंकि हम देखना चाहते हैं कि माले इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जरिए जीएमआर के खाते में कितना धन गया और कितनी राशि वास्तविक रूप से खर्च की गई। क्या जीएमआर फारेंसिक ऑडिट को तैयार है।
कपूर ने पीटीआई से कहा,‘हमारे खाते पारदर्शी हैं। मालदीव सरकार के साथ रियायती समझौते में फोरेंसिक ऑडिट का प्रावधान नहीं है। फिर भी हमें किसी ऑडिट पर कोई आपत्ति नहीं है बशर्ते वह किसी उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत हो।’
फोरेंसिक ऑडिट फर्म द्वारा जाली हिसाब-किताब पेश करने के संदेह की जांच के लिए की जाती है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 16, 2012, 16:40