Last Updated: Friday, May 11, 2012, 11:56
नई दिल्ली : औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आई गिरावट पर निराशा जताते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि वैश्विक मांग और निवेश में कमी से आईआईपी के आंकड़े प्रभावित हुए हैं। मुखर्जी ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि आईआईपी के आंकड़े निराशाजनक हैं। कमजोर वैश्विक कारोबारी धारणा से घरेलू निजी निवेश प्रभावित हो रहा है। मार्च 2012 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक आंकड़े में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आ गई है, जबकि पिछले साल मार्च महीने में इसमें 9.4 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई थी।
समाप्त वित्त वर्ष 2011-12 में पूरे वित्त वर्ष में सालाना आधार पर औद्योगिक उत्पादन वृद्धि मात्र 2.8 प्रतिशत रही, जबकि 2010-11 में 8.2 फीसदी रही थी। जनवरी मार्च आंकड़ों को उम्मीदों के प्रतिकूल बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मार्च के आंकड़ों में गिरावट की एक वजह पिछले साल का तुलनात्मक आधार का प्रभाव भी है।
इसी तरह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने भी औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों पर निराशा जताई है। शर्मा ने कहा कि वह इसी माह निर्यातकों से मिलने जा रहे है, जिसमें वैश्विक मांग की धीमी रफ्तार के प्रभाव पर विचार-विमर्श होगा।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 11, 2012, 17:26