Last Updated: Tuesday, June 12, 2012, 15:20

नई दिल्ली: औद्योगिक वृद्धि दर अप्रैल में 0.1 फीसद रहने से निराश वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि सरकार उद्योग को सकारात्मक संकेत देने के लिए कदम उठाएगी।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा ‘मैं निराश हूं। उद्योग ने अब तक रफ्तार नहीं पकड़ी है। नकारात्मक रुझान है हमें सकारात्मक संकेत उद्योग को देने के लिए कदम उठाना है।’
पूंजीगत उत्पादों और विनिर्माण उत्पादन में कमी के कारण औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर अप्रैल में भारी गिरावट के साथ 0.1 फीसद पर पहुंच गई जो पिछले साल की समान अवधि में 5.3 फीसद थी। इससे अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार स्पष्ट होती है। मार्च में औद्योगिक वृद्धि दर शून्य से कम थी जिसमें 3.2 फीसद की गिरावट हुई थी।
मुखर्जी ने कहा कि सरकार इस बात से संतुष्ट नहीं हो सकती कि अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई जबकि महीने भर पहले इसमें गिरावट आई थी। उन्होंने कहा कि पूंजीगत उत्पाद क्षेत्र का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और 22 प्रमुख औद्योगिक समूहों में से सिर्फ 12 में वृद्धि दर्ज हुई।
आज जारी आंकड़े के मुताबिक पूंजीगत उत्पादों का उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 16.3 फीसद गिरा जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसमें 6.6 फीसद की वृद्धि हुई थी। खनन उत्पादन भी अप्रैल में 3.1 फीसद घटा जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसमें 1.6 फीसद की वृद्धि दर्ज हुई थी।
औद्योगिक उत्पादन में गिरावट से रिजर्व बैंक पर 18 जून को होने वाली मध्य तिमाही समीक्षा में ब्याज दर कटौती पर दबाव बन सकता है। इधर एसबीआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रतीप चौधरी ने उम्मीद जताई कि आरबीआई नकद आरक्षी अनुपात में एक फीसद तक की कटौती कर सकता है ताकि नकदी की स्थिति बेहतर हो। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 12, 2012, 15:20