Last Updated: Sunday, February 5, 2012, 07:52
नई दिल्ली: अगले वित्त वर्ष में कालाधन बाहर निकालने, कर चोरी रोकने और देश में आंतकी गतिविधियों में धन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए पैन कार्ड आयकर विभाग के लिए एक बड़ा हथियार बन सकता है।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में आयकर विभाग को निर्देश जारी कर उन लोगों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाने को कहा है जिन्होंने बड़े सौदे करते समय अपने पैन (स्थायी खाता संख्या) का ब्यौरा नहीं दिया है।
यह अभियान चालू वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले 20 मार्च को खत्म होगा। यह उपाय पिछले साल सीबीडीटी द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया है।
समिति ने अपनी सिफारिश में ऐसे कर दाताओं का पता लगाने की सिफारिश की थी जो 1,01,836 करोड़ रुपये की कर अदायगी किए बगैर लापता हो गए।
आयकर मांग पर लंबित मामलों की समीक्षा के लिए आयकर महानिदेशक के अधीन इस समिति का गठन किया गया था जिसके तहत लापता करदाताओं को दो वर्गों में बांटा गया है जिनमें ‘ऐसे करदाता हैं जिनका पता नहीं लग पाता’ और ‘जिनके पास वसूली के लिए कोई संपत्ति नहीं होती या अपर्याप्त संपत्ति होती ।
इस नए अभियान की योजना में शामिल वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ 20 फरवरी को शुरू हुए इस अभियान के दौरान आयकर विभाग पैन कार्ड के आंकड़े हासिल करेगा जिसके जरिए विभाग के कंप्यूटर आधारित डाटा बैंक में इनका संपूर्ण ब्यौरा डाला जाएगा।’
(एजेंसी)
First Published: Sunday, February 5, 2012, 13:27