Last Updated: Tuesday, December 18, 2012, 08:56

नई दिल्ली : मुद्रास्फीति का दबाव कम होने के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक आज मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में कटौती कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुद्रास्फीति में गिरावट के रुझान से रिजर्व बैंक की दरों में कटौती किए जाने की उम्मीद बढ़ी है।
कंपनियों की अग्रिम कर अदायगी के लिए बैंकों से धन निकासी बढने से बैंकों के पास नमदी की थोड़ी तंगी हो गयी है। इसके चलते बैंकों द्वारा नकदी की तात्कालिक आवश्यकता के लिए रिजर्व बैंक से लिया गया उधार बढ़कर 1,46,300 करोड़ रुपए हो गया। गई जो शुक्रवार को 64,445 करोड़ रुपए था।
विशेषज्ञों ने कहा कि यह तंगी थोड़े समय के लिए है। सरकार द्वारा खर्च शुरू करने के बाद यह तंगी दूर हो जाएगी। नकदी की यह तंगी सीआरआर में कटौती के निर्णय का कारण बन सकती है।
इंडियन ओवरसीज बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एम नरेंद्र ने कहा कि फिलहाल नकदी की थोड़ी तंगी है इसलिए मुझे लगता है कि सीआरआर में कटौती से थोड़ी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यदि रेपो दर में अभी सांकेतिक तौर पर और जनवरी में ज्यादा कटौती की जाए तो हमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।
एसबीआई के प्रबंध निदेशक दिवाकर गुप्ता ने कहा कि आरबीआई को रेपो और सीआरआर दोनों में कटौती पर विचार करना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 18, 2012, 08:56