Last Updated: Friday, May 3, 2013, 10:15

नई दिल्ली : देश की आर्थिक वृद्धि में आई नरमी को देखते हुये उद्योग जगत को रिजर्व बैंक की शुक्रवार को जारी होने वाली ऋण एवं मौद्रिक नीति से काफी उम्मीदें हैं।
उद्योग जगत को उम्मीद है कि वाषिर्क मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुये रिजर्व बैंक रेपो दर और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) दोनों में चौथाई-चौथाई फीसद कटौती कर सकता है ताकि मांग बढ़ाई जा सके और औद्योगिक उत्पादन में तेजी लाई जा सके।
रिजर्व बैंक गवर्नर डी. सुब्बाराव तीन मई को ऋण एवं मौद्रिक नीति पेश करेंगे। इस नीति में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है क्योंकि मुद्रास्फीति घटकर 5.96 फीसद पर पहुंच गई जो पिछले तीन साल का न्यूनतम स्तर है।
उद्योग जगत आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज दरों में कटौती की मांग करता रहा है। वृद्धि दर 2012-13 में घटकर दशक भर के न्यनूतम स्तर पांच फीसद पर आ गई है। आर्थिक वृद्धि 2011-12 में 6.2 फीसद रही थी।
अनुसंधान कंपनी बाक्र्लेज ने कहा कि हमें केंद्रीय बैंक से 2013 के मध्य तक ब्याज दरों में 0.50 फीसद कटौती की उम्मीद है। शुक्रवार की बैठक में रिजर्व बैंक मुख्य नीतिगत दरों में 0.25 फीसद कटौती कर सकता है।
केंद्रीय बैंक ने 2012-13 में मुख्य ब्याज दरों में एक फीसद कटौती की है और उस पर चालू वित्त वर्ष के दौरान और कटौती का दबाव बढ़ रहा है। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 3, 2013, 10:15