Last Updated: Tuesday, December 18, 2012, 18:27

मुंबई : उद्योग और व्यावसाय जगत की उम्मीदों को झटका देते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) और रेपो दर में मंगलवार को कोई बदलाव नहीं किया।
मकान और वाहनों के लिए कर्ज सस्ता होने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों के लिए रिजर्व बैंक ने कहा है कि अब वह जनवरी के अंत रिपीट अंत में तिमाही समीक्षा करते समय उनकी जरत पर ध्यान दे सकता है।
रिजर्व बैंक ने आज यहां ऋण एवं मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में सीआरआर दर को 4.25 प्रतिशत, रेपो दर (वह दर जिस पर बैंकों को अल्पकालिक उधार दिया जाता है) को 8 प्रतिशत पर स्थिर रखा। रिवर्स रेपो दर (वह दर जिसपर बैंकों से नकदी उठाई जाती है) सात प्रतिशत और बैंक दर 9 प्रतिशत पर स्थिर रही।
उद्योग जगत ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किए जाने पर निराशा जताई। उद्योग मंडल सीआईआई के अनुसार ‘सरकार ने राजकोषीय मजबूती लाने की कार्ययोजना घोषित कर दी है। गैर-खाद्य विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से नीचे आ चुकी है, ऐसे में रेपो और सीआरआर दरों में कमी करने का उपयुक्त माहौल था।’
रिजर्व बैंक ने ऊंची मुद्रास्फीति के चलते इस साल अप्रैल के बाद पिछले आठ महीनों में रेपो और रिवर्स रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया। ये दरें अप्रैल से क्रमश: आठ और सात प्रतिशत पर स्थिर हैं। हालांकि, सीआरआर दर में इस दौरान दो बार चौथाई-चौथाई फीसद की कटौती की गई और इस समय यह 4.25 प्रतिशत पर है।
रिजर्व बैंक गवर्नर डी. सुब्बाराव ने समीक्षा में कहा,‘कुल मिलाकर हाल के मुद्रास्फीति रुझान और अनुमान को देखते हुये हमें अक्तूबर में लिये गये फैसले पर ही आगे बढ़ने का आधार मिलता है जिसमें हमने चौथी तिमाही में नीतिगत नरमी लाने की बात की है। बेशक नीति का जोर अब वृद्धि पर होगा लेकिन मुद्रास्फीति का जोखिम बना रहेगा और मौद्रिक उपाय इसके प्रति संवेदनशील बने रहेंगे।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 18, 2012, 18:27