Last Updated: Tuesday, August 20, 2013, 21:42

नई दिल्ली : रुपये के गिरकर 64 प्रति डॉलर के स्तर से नीचे जाने के बीच वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने भारत की वित्तीय साख के नकारात्मक परिदृश्य को कायम रखा है। एसएंडपी का कहना है कि मुद्रा के अवमूल्यन से निवेशकों का भरोसा बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
एसएंडपी के वरिष्ठ निदेशक सावरेन एंड इंटरनेशनल पब्लिक फाइनेंस रेटिंग्स (एशिया प्रशांत) किम इंग तान ने ईमेल के जरिये भेजे बयान में कहा है कि हमारा विचार है कि पूंजी का बाह्य प्रवाह तथा रुपये में गिरावट निवेशकों के डगमगाते भरोसे का संकेतक है। हम भारत की बीबीबी माइनस सावरेन क्रेडिट रेटिंग के नकारात्मक परिदृश्य पर कायम हैं।
ट्रिपल बी माइनस निचला ग्रेड है और इससे नीचे जाने का मतलब देश के सरकारी बांड की रेटिंग कबाड़ या जंक की श्रेणी में चली जाएगी, जिससे सरकार और देश की कंपनियों के लिए विदेशों से ऋण जुटाना अधिक महंगा हो जाएगा।
तान ने भारत से बाहर पूंजी भेजने पर सरकार द्वारा हाल में लगाए गए अंकुश के उपायों के बारे में कहा, इनसे विदेशी और घरेलू निवेशकों में अनिश्चितता भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि यदि यह अनिश्चितता जारी रहती है, तो इससे कारोबार के वित्तपोषण की स्थिति और खराब हो जाएगी और निवेश की वृद्धि की रफ्तार धीमी होगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 20, 2013, 21:35