Last Updated: Monday, April 8, 2013, 20:36

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम में 2002 में अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन के मामले में भारती सेल्यूलर के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सुनील मित्तल को आरोपी के रूप में सम्मन करने से संबंधित निचली अदालत की कार्यवाही सोमवार को 18 अप्रैल तक के लिये स्थगित कर दी।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि जांच के दौरान उसे सीएमडी के खिलाफ सबूत मिले हैं। न्यायालय ने जांच ब्यूरो इस मामले में गुरूवार तक पुलिस रिपोर्ट के साथ संक्षिप्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
प्रधान न्यायाधीश अलतमस कबीर, न्यायमूर्ति अनिल आर दवे और न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की खंडपीठ ने कहा कि इस बीच, विशेष न्यायाधीश (2जी स्पेक्ट्रम प्रकरण), नयी दिल्ली के समक्ष सुनवाई मंगलवार (16 अप्रैल) तक स्थगित रहेगी। न्यायालय ने कहा कि मित्तल जांच एजेन्सी के हलफनामे पर शनिवार तक अपना जवाब दाखिल करेंगे और इस मामले में अब 15 अप्रैल को आगे सुनवाई होगी।
इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही न्यायाधीशों ने जांच एजेन्सी से जानना चाहा कि मित्तल को आरोपी के रूप में कैसे तलब किया गया है जबकि आरोप पत्र में उनका नाम ही नहीं है।
मित्तल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी के आदेश को पूरी तरह कानून से भ्रमित करार दिया।
दूसरी ओर, जांच ब्यूरो की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल ने कहा कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत अदालत को किसी भी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही का अधिकार है जिसे आरोप पत्र में नामित नहीं किया गया है लेकिन ऐसा लगता है कि वह अपराध में दोषी हो सकता है।
उन्होंने कहा कि आरोप पत्र के साथ में जांच के दौरान लिये गये बयानों को भी संलग्न किया गया है और विशेष न्यायाधीश ने मित्तल को तलब करते समय इसका संज्ञान लिया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 8, 2013, 20:36