SEBI ने सहारा के खातों को सील करने और संपत्ति की कुर्की के दिए आदेश--Sebi freezes Sahara accounts, attaches property

SEBI ने सहारा के खातों को सील करने और संपत्ति की कुर्की के दिए आदेश

SEBI ने सहारा के खातों को सील करने और संपत्ति की कुर्की के दिए आदेशमुंबई : शेयर बाजार नियामक सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों के खिलाफ निवेशकों का पैसा लौटाने के चर्चित मामले में आज सख्त कदम उठाते हुए इन कंपनियों और समूह के प्रमुख सुब्रत राय समेत कुछ शीर्ष अधिकारियों के खातों पर रोक लगाने तथा अचल संपत्ति की कुर्की के आदेश दिये। उच्चतम न्यायालय ने इन कंपनियों को निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपये से अधिक का धन वापस करने का आदेश दे रखा है। इसका अनुपालन सेबी को कराने का निर्देश दिया गया है। न्यायालय ने पिछले सप्ताह निर्देश दिया था कि यदि सहारा समूह की कंपनियां निवेशकों का पैसा नहीं लौटाने के लिये सेबी के पास पैसा जमा नहीं करती हैं तो बाजार नियामक उसके खातों पर रोक लगाने तथा संपत्ति कुर्क करने को स्वतंत्र है।

सेबी ने सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कारपोरेशन लि. (एसएचआईसीएल) और सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कारपोरेशन लि. (एसआईआरईसीएल) के खिलाफ दो अलग-अलग आदेश जारी करते हुए कहा कि इन कंपनियों ने बांडधारकों से क्रमश: 6,380 करोड़ रुपये तथा 19,400 करोड़ रुपये जुटाये थे। धन जुटाने में ‘अनेक अनियमितताएं’ बरती गयीं।

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल अगस्त में इन कंपनियों को निवेशकों का पैसा 15 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया था और सेबी से इसकी व्यवस्था देखने को कहा गया था। सहारा समूह की अर्जी पर दिसंबर 2012 में ये पैसा तीन किस्तों में लौटाने की छूट दी गयी। न्यायालय ने उस समय आदेश दिया था कि सहारा समूह 5,120 करोड़ रुपये तत्काल जमा करे और 10,000 करोड़ रुपये जनवरी के पहले सप्ताह में और बाकी धन फरवरी 2013 के पहले सप्ताह में दे। सेबी ने आज अपने आदेश में कहा कि इनमें से किसी कंपनी ने बाकी की किस्तें नहीं जमा करायी हैं इसलिए उसे न्यायालय के आदेशानुसार यह कार्रवाई करनी पड़ी है।

5,120 करोड़ रुपये के प्रथम भुगतान के बारे में सहारा का कहना है कि उसमें से निवेशकों को केवल 2620 करोड़ रुपये लौटाना बाकी रह गया है। समूह का दावा है कि वह बांडधारकों को 19,400 करोड़ रुपये पहले ही भुगतान कर चुका है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जिन संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है, उसमें सहारा समूह की कंपनी आंबी वैली लि. की जमीन शामिल है। पुणे के समीप आंबी वैली परियोजना में रिजार्ट विलेज स्थापित किया गया है। इसमें दिल्ली, गुड़गांव, मुंबई तथा देश के विभिन्न स्थानों पर समूह की परियोजनाओं के विकास के अधिकार भी शामिल हैं।

इसके अलावा सेबी ने आंबी वैली लि. में इक्विटी शेयर, म्यूचुअल फंड, बैंक तथा डिमैट खातों तथा सभी बैंकों की शाखाओं में जमा पैसे को जब्त करने का भी आदेश दिया है। सेबी ने सभी बैंकों से उन खातों में जब्त जमा राशि सेबी-सहारा रिफंड खाते में हस्तांरित करने को कहा है।

जिन अधिकारियों के बैंक खातों पर रोक और संपत्ति की कुर्की के आदेश दिये गये हैं, उनमें सुब्रत राय और निदेशक वंदना भार्गव, रवि शंकर दुबे तथा अशोक राय चौधरी शामिल हैं। फैसला तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश है।

सेबी ने शीर्ष अधिकारियों को 21 दिन के अंदर अपनी सभी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा जमा करने को कहा है और इसी अवधि में वे उनकी बेच-खरीद नहीं कर सकते हैं और न ही उन पर कोई ऋण ले सकते हैं।

बाजार नियामक के आदेश में दोनों कंपनियों को भी निर्देश है कि वे अपनी किसी भी संपत्ति का किसी भी तरीके से अब कोई सौदा न करे। इन कंपनियों को भी चल और अचल संपत्ति की सूची जमा करने के लिये 21 दिन का मौका दिया गया है। सेबी ने कहा कि उसने रिजर्व बैंक तथा प्रवर्तन निदेशालय को इस कार्रवाई की सूचना दे दी है।

नियामक ने कहा है कि वह सहारा समूह की अन्य कंपनियों, किसी विशेष प्रायोजन कंपनी और पार्टनरशिप फर्म में इन दोनों कंपनियों (एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल) के निवेश का पूरा ब्योरा प्राप्त होने के बाद जब्त संपत्ति की बिक्री का आदेश उचित समय पर करेगा। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 13, 2013, 22:32

comments powered by Disqus