Last Updated: Sunday, December 25, 2011, 12:20
नई दिल्ली : देश में अक्टूबर महीने में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 50 प्रतिशत से भी अधिक घटकर 1.16 अरब डॉलर रह गया जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक मंदी असर को परिलक्षित करता है। एफडीआई में लगातार दूसरे महीने कमी आई है। अक्टूबर 2010 में देश को 2.33 अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला था जबकि इस सितंबर में यह राशि सालाना आधार पर 16.5 प्रतिशत घटकर 1.76 अरब डॉलर रही।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि हालांकि अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में एफडीआई 50.3 प्रतिशत बढ़कर 20.8 अरब डॉलर हो गया। उन्होंने कहा कि साल के शुरुआती महीनों में एफडीआई प्रवाह काफी अच्छा रहा था।
अगस्त महीने में विदेशी निवेश प्रवाह साल दर साल आधार पर दोगुना होकर 2.83 अरब डॉलर रहा। मई व जून में तेजी के बाद जुलाई में इसमें नरमी देखने को मिली।
अधिकारी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के बावजूद 2011-12 में एफडीआई 35 अरब डॉलर हो सकता है जो बीते वित्त वर्ष में 19.4 अरब डॉलर रहा था। इस साल आरआईएल-बीपी तथा पास्को जैसे बड़े सौदे हुए हैं।
वर्ष 2010-11 में एफडीआई के जरिये इक्विटी प्रवाह 25 प्रतिशत घटकर 19.43 अरब डॉलर रहा जो 2009-10 में 25.6 अरब डॉलर था। 2008-09 में यह राशि 27.3 अरब डॉलर थी। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका तथा यूरोप में अनिश्चित आर्थिक हालात भारत में एफडीआई में गिरावट की बड़ा कारण है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 25, 2011, 18:20