Last Updated: Tuesday, September 11, 2012, 16:08

नई दिल्ली : वैश्विक आर्थिक सुस्ती और नीतिगत मोर्चे पर जड़ता के बीच अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान अधिकांश भारतीय नियोक्ता कर्मचारियों की संख्या मौजूदा स्तर पर ही बनाए रखने के पक्ष में हैं। इससे अगामी तिमाही में रोजगार मोर्च पर नरमी बने रहने का अनुमान है।
रोजगार अवसरों पर नजर रखने वाली फर्म मैनपावर के एक सर्वे के मुताबिक नियोक्ता अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने को लेकर बहुत अधिक उत्साहित नहीं हैं। सिर्फ 27 प्रतिशत नियोक्ता अपने कामगारों की संख्या बढ़ाने को लेकर आशांवित दिखाई पड़ रहे हैं। दो साल पहले नियोक्ताओं ने भारी संख्या में लोगों को नियुक्त किया था। इसके अलावा नियुक्ति के लिहाज से सबसे अधिक आशावान देश के पद पर भारत को पीछे छोड़ ताइवान काबिज हो गया है।
सर्वे में कहा गया है, उभरते देशों में चीन, ब्राजील और भारत के लगभग सभी उद्योगों के नियोक्ता पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले कम कामगारों को नियुक्त करने पर विचार कर रहे हैं। ऐसा सबसे अधिक भारत में देखा जा रहा है।इस संबंध में मैनपावरग्रुप इंडिया के प्रबंध निदेशक संजय पंडित ने कहा, कम नियुक्ति के परिदृश्य से स्पष्ट हैं कि नियोक्ता सावधान हैं। ऐसा वैश्विक आर्थिक सुस्ती के साथ-साथ स्थानीय प्रशासनिक मुद्दों और नीतिगत जड़ता की वजह से भी है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 11, 2012, 16:08