Last Updated: Sunday, November 25, 2012, 14:01
नई दिल्ली : नीतिगत फैसलों और कृषि क्षेत्र उत्पादन में बढ़ोतरी से देश की आर्थिक वृद्धि दर अगले साल 6.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। मोर्गन स्टैनले ने यह उम्मीद जताई है।
स्टैनले ने एक शोध पत्र में कहा कि उच्च राजकोषीय घाटे, ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी में उच्च वृद्धि और निजी निवेश में कमी के बीच देश की आर्थिक वृद्धि दर में सुधार होगी। रपट में कहा गया है, ‘हमें उम्मीद है कि सरकार द्वारा किए गए फैसलों और कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी से 2013 में आर्थिक वृद्धि दर 2012 की पांच प्रतिशत से बढ़कर 2013 में 6.1 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है।’
मोर्गन स्टैनले ने कहा कि उच्च राजकोषीय घाटे, ग्रामीण क्षेत्र में मजदूरी में उच्च वृद्धि और निजी निवेश में गिरावट की स्थिति है। वृद्धि दर में तीव्र तेजी के लिए इनका समाधान ढूंढना होगा। इसके अलावा सरकार द्वारा खर्चों और ग्रामीण क्षेत्र में मजदूरी में वृद्धि की दर में कमी नहीं करने की स्थिति में मुद्रास्फीति और चालू खाते घाटे का प्रबंधन एक चुनौती होगी।
रपट में कहा गया है, ‘हमें उम्मीद है कि सरकार निवेश में सुधार के लिए जरूरी कदम उठाते रहेगी। लेकिन सरकार द्वारा राजकोषीय घाटे को उचित स्तर पर लाने को लेकर हम कुछ कम आशान्वित हैं।’ सरकार ने बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र, विमानन और प्रसारण क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष विदेशी की अनुमति, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी समेत अनेक सुधार से जुड़े कदम उठाए हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 25, 2012, 14:01