Last Updated: Monday, October 10, 2011, 10:53
नई दिल्ली : दूरसंचार उपभोक्ताओं को आने वाले समय में देश में कहीं भी आने जाने के दौरान मोबाइल काल के लिए रोमिंग शुल्क से मुक्ति मिल सकती है और वे देश के किसी भी कोने में जाकर सेवाप्रदाता कंपनी को बदलने के बावजूद अपना पुराना नंबर बरकरार रख सकते हैं। सोमवार को यहां सरकार की तरफ से पेश नई दूरसंचार नीति, 2011 के मसौदे में उपभोक्ताओं को रोमिंग शुल्क के झंझट से मुक्ति दिलाने का प्रस्ताव है। वास्तव में नीति का लक्ष्य एक देश एक लाइसेंस व्यवस्था का है, जिससे लोकल व एसटीडी काल्स के बीच अंतर खत्म हो जाएगा।
दूरसंचार आपरेटरों को देश के विभिन्न हिस्सों में परिचालन के लिए अलग-अलग लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी और एक ही लाइसेंस पर्याप्त होगा। नई दूरसंचार नीति का मसौदा जारी करते हुए दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि हम नए लाइसेंसों, पुराने लाइसेंस के तहत काम कर रही कंपनियों को नई व्यवस्था में शामिल करने और बाजार से बाहर निकलने पर दूरसंचार नियामक ट्राई से सुझाव मांगेंगे। टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले के मद्देनजर मंत्री ने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन को लाइसेंसों से अलग किया जाएगा और स्पेक्ट्रम को बाजार मूल्य पर उपलब्ध कराया जाएगा। चूंकि बाजार में पहले से ही बहुत अधिक संख्या में दूरसंचार कंपनियों की मौजूदगी दर्ज हो चुकी है, सरकार बाजार से बाहर निकलने की भी नीति पेश करेगी।
दूरसंचार मंत्री सिब्बल ने मौजूदा वित्त वर्ष में स्पेक्ट्रम ब्रिकी की संभावना को एक तरह से खारिज करते हुए कहा कि 2017 तक 300 मेगाहर्ट्ज तथा 2020 तक 200 मेगाहर्ट्ज अतिरिक्त रेडियो तरंगे उपलब्ध कराई जाएंगी। हम स्पेक्ट्रम की पर्याप्त उपलब्धता तथा बाजार के जरिए पारदर्शी तरीके से इसका आवंटन सुनिश्चित करेंगे। उल्लेखनीय है कि मंत्री ने इससे पहले संकेत दिया था कि ब्राडबैंड वायरलैस एक्सेस स्पेक्ट्रम का एक स्लॉट मौजूदा वित्त वर्ष में आवंटित किया जा सकता है क्योंकि यह देश भर में उपलब्ध है।
मौजूदा वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने की बड़ी चुनौती से जूझ रहे वित्त मंत्रालय ने भी दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर स्पेक्ट्रम नीलामी करने को कहा था ताकि अतिरिक्त राजस्व आए। इस साल स्पेक्ट्रम आवंटन की संभावना संबंधी सवाल पर सिब्बल ने कहा कि इस साल तो कठिन लगता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य के लाइसेंसों के साथ स्पेक्ट्रम आवंटन संबद्ध नहीं होगा। अब तक, मोबाइल दूरसंचार सेवाओं के सभी लाइसेंसों के साथ ही 4.4 मेगाहटर्ज का स्टार्टअप स्पेक्ट्रम दिया जाता रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, October 10, 2011, 18:47