Last Updated: Tuesday, September 3, 2013, 10:11

नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर का पद संभालने जा रहे रघुराम राजन को पद पर बैठते ही गिरते रुपये और बढ़ते चालू खाते के घाटे (कैड) जैसी चुनौतियों से निपटना होगा। राजन ने कहा कि देश के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं है और वह एक समय में एक ही समस्या से निपटने पर ध्यान देंगे। वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे रघुराम राजन को रिजर्व बैंक गवर्नर नियुक्त किया गया है। वह मौजूदा गवर्नर डी. सुब्बाराव का स्थान लेंगे जो 4 सितंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे पास काफी विकल्प हैं। यह सिर्फ मुद्रा की बात नहीं है, इसमें वित्तीय समावेशी, वृद्धि सब शामिल हैं। मुझे लगता है कि काफी कुछ करने की जरूरत है। अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियां हैं। इन चीजों को एक रात में नहीं सुलझाया जा सकता।
वित्त मंत्रालय में अपने आखिरी दिन संवाददाताओं से बात करते हुए राजन ने कहा कि हम एक-एक कर कदम उठाएंगे। इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि इसमें हर दिन प्रगति हो। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री रघुराम राजन को पिछले साल अगस्त में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया। इस साल उनकी नियुक्ति रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर के तौर पर कर दी गई। केंद्रीय बैंक के गवर्नर के तौर पर उनकी नियुक्ति काफी चुनौतीपूर्ण समय में हुई है। ऐसे समय जब अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ रही है, रुपया लगातार गिर रहा है और चालू खाते का घाटा रिकार्ड ऊंचाई पर है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 3, 2013, 10:11